आनंदपाल एनकाउंटर केस, CBI कोर्ट का बड़ा फैसला पुलिस अधिकारियों पर चलेगा केस
आनंदपाल के एनकाउंटर को लेकर जोधपुर की CBI कोर्ट ने पुलिस अधिकारियों को 302 का आरोपी बनाया है. 24 जून 2017 को चूरू के मालासर गांव में राजस्थान SOG ने आनंदपाल का एनकाउंटर किया था. इसकी सुनवाई जोधपुर CBI कोर्ट में चल रही थी. अब इस मामले में तत्कालीन चूरू एसपी राहुल बारहट, तत्कालीन एडिशनल एसपी विद्या प्रकाश चौधरी, डीएसपी सूर्यवीर सिंह राठौड़ और हेड कांस्टेबल कैलाश को आरोपी बनाया गया है. कोर्ट ने CBI की क्लोजर रिपोर्ट भी स्वीकार नहीं की गैंगस्टर आनंदपाल सिंह के एनकाउंटर को उसके परिजनों फर्जी बताते हुए कोर्ट में चैलेंस किया था. वहीं, CBI ने इस मामले में क्लोजर रिपोर्ट कोर्ट में सौंप दी थी. इस क्लोजर रिपोर्ट में फर्जी एनकाउंटर की बात को नकारा गया था, लेकिन आनंदपाल की पत्नी के वकील भवंर सिंह राठौड़ ने तर्क दिया कि आनंदपाल की शरीर पर चोट के निशान थे. इसका मतलब साफ है कि आनंदपाल सिंह का फर्जी एनकाउंटर किया गया था.
पुलिस अधिकारियों पर चलेगा 302 का केस
वकील भवंर सिंह राठौड़ ने कहा कि उन्होंने आनंदपाल सिंह एनकाउंटर को लेकर CBI की क्लोजर रिपोर्ट पढ़ी है. रिपोर्ट ये साफ-साफ बता रही है कि आनंदपाल सिंह को बेहद करीब से गोली मारी गई थी. उन्होंने कहा कि रिपोर्ट को पढ़ने के बाद तो यही लग रहा है कि पुलिस ने आनंदपाल को पहले बंदी बनाया, उसके बाद उसका जमकर टॉर्चर किया. फिर गोली मारकर हत्या कर दी. साथ ही इस हत्या को एनकाउंटर में दर्शा दिया. वकील ने कहा कि अब तो कोर्ट ने भी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ 302 का मुकदमा चलाने का आदेश दिया है। कब हुआ था आनंदपाल सिंह का एनकाउंटर?
पूरे घटना की बात करें तो मामला 24 जून 2017 को चूरू के मालासर गांव का है. तत्कालीन SOG के आईजी दिनेश एम एन के नेतृत्व में उसे समय वांछित गैंगस्टर आनंदपाल सिंह को पकड़ने की कार्रवाई शुरू की गई. अलग-अलग जिलों में पुलिस की मदद से आनंदपाल गैंग से जुड़े नेटवर्क को खंगाला गया और कई गुर्गो को गिरफ्तार किया गया. SOG की इस कार्रवाई से धीरे-धीरे गैंग टूटने लगा और एक्टिव मेंबर कम होने लगे. कई संपत्तियां भी जब्त की गईं. 100 से ज्यादा लोग पुलिस के गिरफ्त में आ गए.
पुलिस ने अपने इंटेलिजेंस की मदद से जून 2017 में आनंदपाल गैंग्स जुड़े एक गुर्गे को इनफॉर्मर के तौर पर तैयार किया और गैंग में घुसपैठ की. धीरे-धीरे पुलिस आनंदपाल और उसके भाइयों की लोकेशन ढूंढने में कामयाब हो गई. इसके बाद 24 जून 2017 को देर रात शेखावटी चुरु के मालासर गांव में SOG ने आनंदपाल का एनकाउंटर किया. पुलिस के अनुसार, मुठभेड़ के दौरान आनंदपाल और उसके दो साथियों ने एक-47 समेत अन्य हथियारों से करीब 100 राउंड फायर किए थे, जवाबी कार्रवाई में आनंदपाल को भी कई गोलियां लगी थीं.
एनकाउंटर के बाद सम्मानित किए गए थे पुलिस अधिकारी
एनकाउंटर के बाद इसमें शामिल पुलिस अधिकारियों को सम्मानित भी किया गया था और उन्हें प्रमोशन भी दिया गया था. जब आनंदपाल का एनकाउंटर हुआ तो उसके समाज के लोगों ने इस एनकाउंटर का विरोध किया और इसे फर्जी एनकाउंटर बताया था. उस समय तत्कालीन वसुंधरा सरकार ने इस पूरे एनकाउंटर की जांच को CBI को सौंप दिया. वर्ष 2020 में CBI में अपनी रिपोर्ट कोर्ट में सौंपी. कोर्ट ने इस पूरे मामले में CBI की रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया. हालांकि अब इसमें नया मोड सामने आ गया है. कोर्ट ने क्लोजर रिपोर्ट ही अस्वीकार कर दी और पुलिस अधिकारियों पर हत्या का केस चलाने का आदेश दिया।