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सागर का मंगलधाम विवाद, SDM अपने ही आदेशों का उलंघन करते देखें गए !

सागर। कथित रूप से राजनैतिक दबाव एवं भ्रष्टाचार का अनूठा उदाहरण बना मंगलधाम तिलकगंज का प्रकरण, जांच की कई बिंदुओ पर की ...

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| खबर का असर

सागर। कथित रूप से राजनैतिक दबाव एवं भ्रष्टाचार का अनूठा उदाहरण बना मंगलधाम तिलकगंज का प्रकरण, जांच की कई बिंदुओ पर की गई अंदेखी। अपने ही आदेशो का उल्लघंन कर रहें अधिकारी- पडेले

यह हैं मामला दूसरे पक्ष ने पत्रकारों के सामने रखी यह बातें

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श्री 1008 आदिनाथ दिगम्बर जैन मंदिर मंगलधाम तिलकगंज वार्ड का एक प्रकरण अनुविभागीय अधिकारी सागर में वर्ष 2020-2021 से प्रचलित है। जिसमे मंदिर ट्रस्ट द्वारा की गई अनियमितताओं की जांच करने एवं मंदिर सम्पत्तियो को ट्रस्ट पंजी पर दर्ज कराने की बात प्रबंध कामेटी के सदस्यो द्वारा की गई थी। मामला चलते चलते कोरोना महामारी के कारण जांच और प्रकरण लेट होता गया। जिसका फायदा नजायज ना उठाया जा सके इसके लिए SDM द्वारा निर्वाचन पर दिनांक 02/09/2022 में प्रकरण के निराकरण तक के लिए एक स्टे आर्डर दिया गया। SDM सागर ने भी तारीख लगा दी की सभी रिकॉर्ड लेकर न्यायालय में दिनांक 20/09/2023 में उपस्थित हो और अन्य आदेश जारी किये परंतु आदेशो की अवहेलना होने पर चेतावनी भी ट्रस्ट को दी गई बार बार आदेशो की अवहेलना के चलते SDM ने एक आदेश दिनांक 24/08/2023 की जारी कर मंदिर को अपनी अभिरक्षा में रखते हुये एक 8 सदस्यो की समिति का गठन किया।

प्रकरण के निराकरण तक के लिए बनाई गई परंतु सूत्र बताते हैं कि राजनैतिक दबाव के चलते SDM सागर भी प्रकरण में न्याय नहीं कर पा रहे थे, और ट्रस्ट द्वारा चुनाव कराने हेतु आवेदन दिया जबकि कार्यवाही पर स्टे के आर्डर पहले से ही थे फिर भी SDM सागर द्वारा निर्वाचन के आदेश जारी किये जहां आवेदको को इसकी जानकारी भी नही दी गई और निर्वाचन में 10 मिनिट के अंदर मृत ट्रस्टीयो के स्थान पर परिवार के लोगो को जोड़ कर चुनाव सम्पन्न करा दिये गये। जबकि नियम अनुसार मृत ट्रस्टी की जानकारी SDM सागर को देकर धारा 9 में समाज की अपत्तियों या अन्य अपत्तियो के लिए 15 दिन का समय देकर अपत्ति ना होने पर ही नये नाम जोडे जा सकते है। इसके विपरीत पूरी कार्यवाही को अंजाम दिया गया और निर्वाचन की अपत्तियो को नजर अंदाज किया गया।

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जो सम्पत्ति ट्रस्ट की है ही नही उन पर भी कब्जा दिला गये तहसीलदार

विगत समय में कथित फर्जी चुनाव कराने के बाद कब्जा दिलाने की कार्यवाही करने के लिए एक दल बनाया गया और नायाव तहसीलदार को नियुक्त किया गया तहसीलदार साहव भी जल्दबाजी में SDM की पेशी वाले दिन जब आवेदक कोर्ट में पेशी का इंतेजार कर रहे थे, यहां मनमाना कब्जा दिला गये। ट्रस्ट पंजी पर जितनी सम्पत्ति दर्ज है। उसमें कोई मिलान नही कराया और तो और समाज अपनी व्यवस्था के लिए जो दान पेटी रखती है। जिस पर ट्रस्ट का अधिकार नहीं होता उस पर भी कब्जा दिला दिया पर चाबीया नही होने के कारण दान पेटी शील कर दी गई।

कार्यवाही C.C.T.V. कैमरो में कैद ना हो जाए इसलिए मंदिर के कैमरे बंद कर दिये, फिर कार्यवाही को अंजाम दिया गया। यदि कार्यवाही वैध थी तो कैमरे बंद क्यो कराये गये ये थोड़ा गडबड लगता है। पिछली रात 04/01/2024 को ट्रस्टीयो ने ही तोड़ दी मंदिर की दान पेटी मंदिर में चल रही गडबडी के कारण समाज के लोगो का आक्रोश भी देखते बनता है। दान राशीयो में कमी आती रही, और लम्बे अरसे से इंतेजार करते-करते बीती रात मंदिर की दान पेटी ट्रस्टीयो द्वारा तोड़ दी और पूरा पैसा कहा है ये अभी जानकारी में नहीं है।

पावन वर्षा योग समिति बनाई, दान राशी जुटाई पर नही भरा बिजली का बिल भी

अपनी मन मर्जी से एक पावन वर्षा योग समिति का गठन जुलाई 2023 में किया और कलश स्थापना से लेकर पिछी परिवर्तन तक लगभग 8 कार्यक्रम कर दान राशी इकटठा की परंतु तभी से मंदिर का बिजली बिल तक जमा नही कराया बिजली बिल की आड लेकर मंगा रहे दान पेटी का पैसा। पूरी कार्यवाही व प्रकरण में SDM सागर का स्टे के बाद चुनाव कराना स्वयं की अभिरक्षा में बनी समिति होने के बाद भी जल्द बाजी में किए चुनाव को स्वीकार करना, और आनन फानन में कब्जा दिलाना, संपत्तियो की जांच छोड़ प्रकरण के मूल आवेदन से हट कर पूरी कार्यवाही करना बड़े राजनैतिक दबाव और भ्रष्टाचार की ओर इशारा करता है

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