MP: नए चेहरों को मिल सकती हैं जगह! सीएम की दिल्ली में बैठक, प्रदेश में मंत्रिमंडल पर
भोपाल। मंत्रिमंडल में किसे जगह मिलेगी किसका पत्ता कटेगा इसको लेकर पूरे प्रदेश की नजरें टिकी हुई हैं। मंत्रिमंडल के चेहरे रविवार 17 दिसंबर को दिल्ली में फाइनल हो सकते हैं। भाजपा हाईकमान के पास 163 विधायकों का डाटा मौजूद है. इसके साथ ही दिग्गज नेताओं के कामकाज का भी फैसला होगा. इधर सीएम डॉ. मोहन यादव दिल्ली पहुंचे हैं. जहां उनकी जेपी नड्डा और अमित शाह के साथ बैठक होगी.
भोपाल। मध्यप्रदेश में मंत्रिमंडल के गठन के लिए बीजेपी के सभी 163 विधायकों की पूरी रिपोर्ट हाईकमान को भेजी गई है. भाजपा की मध्यप्रदेश इकाई की ओर से यह डाटा दिल्ली भेज दिया गया है. अब मंत्रिमंडल में जिन चेहरों को शामिल किया जाएगा, उनके नाम दिल्ली से तय होंगे. सीएम मोहन यादव दिल्ली पहुंच गए हैं. उनकी भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृहमंत्री अमित शाह के साथ बैठक होगी. जिसमें मंत्रियों के नाम तय होंगे. बता दें कि मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री के तौर पर मोहन यादव ने 13 दिसंबर को शपथ ग्रहण की थी. मुख्यमंत्री के साथ दो उप मुख्यमंत्रियों ने भी शपथ ग्रहण की थी, ये हैं जगदीश देवड़ा और राजेंद्र शुक्ला। एक-एक विधायक की हिस्ट्री देंखेंगे : अब बारी कैबिनेट में मंत्रियों को शामिल करने की है. पार्टी सूत्रों की मानें तो अभी तक मंत्रियों के नाम तय नहीं हुए हैं. इसको लेकर कवायद चल रही है. जो रिपोर्ट आलाकमान को भेजी गई है, उसमें ये बिंदु हैं- कब से विधायक हैं, कितनी बार सांसद रहे, संगठन के किन-किन पदों पर रहे, कार्यकाल के दौरान क्या-क्या उपलब्धियां रहीं. इसके साथ ही रिपोर्ट में ये भी उल्लेख है कि किस विधायक के खिलाफ कितने आपराधिक प्रकरण हैं, भ्रष्टाचार को लेकर कितनी शिकायतें हैं और किस स्तर पर जांच चल रही है. भाजपा की 20 साल की सरकार में जो विधायक मंत्री रहे, उनका रिपोर्ट कार्ड भी अलग से शामिल किया गया है।
विधायकों के अलावा 16 अन्य नाम भी मंत्रिमंडल में शामिल होने वालों के लिए जातीय और सामाजिक समीकरणों का भी पूरा ध्यान रखा जाएगा. पार्टी आलाकमान ने भाजपा के 16 अन्य नेताओं का डाटा भी मांगा है. सभी नेता मध्यप्रदेश के रहने वाले हैं और उनका ताल्लुक भाजपा और संघ से है. अभी यह तय नहीं हो पाया है कि हाईकमान ने जिन 16 नामों की जानकारी मांगी है, उनके बारे में क्या फैसले लिए जाएंगे. उन्हें प्रदेश के निगम- मंडलों में शामिल किया जाएगा या दिल्ली स्तर पर उन्हें कोई नई जिम्मेदारी दी जाएगी।