मध्यप्रदेश के 52 जिलों में प्रारंभ हुई स्नेह यात्रा : देशभर से पधार रहे संत-महात्मा गाँव-गाँव जाकर देंगे एकात्मकता को बढ़ावा
सागर। समाज के विभिन्न वर्गों में आत्मीयता का भाव बढ़ाने के उद्देश्य से मध्यप्रदेश जन अभियान परिषद्, योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग द्वारा सोलह अगस्त से प्रारंभ हुई प्रदेशव्यापी स्नेह यात्रा 26 अगस्त तक चलेगी। इस यात्रा में प्रत्येक जिले में एक संत भ्रमण करेंगे तथा वहाँ बस्तियों में जाकर समरसता के भाव से जनमानस के बीच जाएँगे। इस आयोजन के मूल में समता, सहयोग, सादगी और समर्पण के भाव को लेकर अपनत्व और नैसर्गिक स्वरूप में वंचित वर्गों और पूज्य साधु-संतों का सद्भाव मिलन है।
52 जिलों में समानांतर 52 यात्राओं का एक साथ होगा आयोजन
यह यात्रा दो खंडो में सम्पन्न होगी, जिसमें प्रथम चरण प्रातः 9 बजे से दोपहर 2 बजे तक रहेगा एवं द्वितीय चरण शाम 4 बजे से रात्रि 9 बजे तक रहेगा। जिसमें यात्रा न्यूनतम 5 ग्रामों में सम्पर्क के बाद निर्धारित संवाद स्थल पर पहुँचेगी। संत-महात्माओं के ग्राम में पहुँचने पर क्षेत्र के लोगों द्वारा उनका स्वागत एवं अभिनंदन किया जाएगा। इसके बाद संतों द्वारा जनसामान्य के बीच जाकर भेंट व सत्संग होगा। फिर संत द्वारा आमजनों को रक्षासूत्र बंधन एवं तिलक किया जाएगा ।यात्रा के अंतिम चरण में सहभोज के साथ यात्रा का समापन होगा। यह प्रक्रिया दोनों चरणों में 11 दिनों तक चलेगी।
एकात्म भाव के जागरण की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी स्नेह यात्रा
मध्यप्रदेश में आयोजित हो रही स्नेह यात्रा अध्यात्म के प्रभाव के साथ-साथ समाजिक समरसता के लिए अनूठी पहल है। विश्व बंधुत्व के भाव के साथ प्रत्येक संत हर जिले में यात्राएँ करेंगे। इसके लिए देश के अलग-अलग स्थानों से संतगण पधार रहे हैं। यात्रा के दौरान समरसता को बढ़ाने वाली अनेक तरह की गतिविधियों का संचालन किया जाना है। यात्रा में महर्षि पतंजलि योग समिति, रामचंद्र मिशन, गायत्री परिवार सहित अन्य आध्यात्मिक संगठनों के प्रतिनिधि उपस्थित रहेंगे
मुख्यमंत्री ने दी शुभकामनाएं
प्रदेश में प्रारंभ हुई स्नेह यात्रा को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपनी शुभकामनाएं देते हुए कहा कि स्नेह यात्रा के शुभारंभ के साथ ही सामाजिक समरसता के नए युग का सूत्रपात हो चुका है। मुझे पूर्ण विश्वास है कि यात्रा सामाजिक समरसता का संदेश देगी और एकात्म भाव के जागरण की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी। आइये, इस पवित्र और अद्वितीय आध्यात्मिक यात्रा के सहभागी बनें तथा समरस व सद्भाव पूर्ण समाज के निर्माण में सहयोगी बनें।