सागर की तीन बेटियों ने माउंट आबू में शिव संग रचाया ब्याह कुमारी से ब्रह्माकुमारी बनीं तीन बेटियां
संकल्प
सागर/राजस्थान–/ माउंट आबू में एक अनोखा समारोह आयोजित किया गया। इसमें सैकड़ों बेटियों ने आध्यात्म की राह अपनाते हुए अपने जीवनसाथी के रूप में परमात्मा शिव को चुना। साथ ही गरिमामय समारोह में अपने नाते-रिश्तेदारों और माता-पिता के समक्ष शिव को अपना साजन बनाते हुए पूरा जीवन समाज सेवा में समर्पित करने का संकल्प लिया। इसमें सागर जिले की तीन बेटियों ने भी आध्यात्म की राह पर चलते हुए अपना जीवन समाज कल्याण और समाजसेवा में लगाने का फैसला लेते हुए समर्पित कर दिया।
सागर में पली-बढ़ी कुमारी खुशबू, कुमारी राजकुमारी, कुमारी आरती ने अपनी पढ़ाई पूरी कर शेष जीवन लोगों के कल्याण में लगाने का फैसला किया है। तीन बेटियों ने ब्रह्माकुमारी संस्थान से जुड़ते हुए व आध्यात्म के पथ पर चलते हुए वैराग्य का मार्ग अपनाया है। ब्रह्माकुमारीज संस्थान के अंतरराष्ट्रीय मुख्यालय माउंट आबू में आयोजित समर्पम समारोह में तीनों बेटियों ने स्वेच्छा से ब्रह्माकुमारी बनकर समाजसेवा करने का फैसला लिया है। इनके माता-पिता ने कहा कि हमें गर्व है कि ऐसी बेटियों ने हमारे घर में जन्म लिया। परमात्मा हर जन्म में ऐसी बेटियां दें। आज हमारी बेटियों ने ब्रह्माकुमारी बनकर हमारा सिर गर्व से ऊंचा कर दिया।
सागर सेवाकेंद्र की प्रभारी बीके छाया दीदी ने बताया कि तीन कुमारियों ने स्वेच्छा से अपना जीवन समर्पित किया है। सागर में 22 बहनें संस्था से जुड़कर समाजसेवा कर रही हैं। 46 हजार ब्रह्माकुमारी बहनें समर्पित…
बता दें कि ब्रह्माकुमारी संस्थान विश्व का एकमात्र ऐसा संगठन है जिसकी बागडोर पूरी तरह से नारी शक्ति के हाथों में है। इसकी स्थापना वर्ष 1937 में की गई। वर्तमान में संस्थान में 46 हजार से अधिक ब्रह्माकुमारी बहनें समर्पित रूप से नि:स्वार्थ भाव के साथ तन-मन-धन से समाज कल्याण में जुटी हैं। इनके जीवन का एक ही लक्ष्य है समाज का चारित्रिक उत्थान और स्व परिवर्तन से विश्व परिवर्तन। संस्थान के 137 देशों में 8500 से अधिक सेवाकेंद्रों का संचालन इन बहनों द्वारा ही किया जा रहा है। वर्तमान में इसकी मुख्य प्रशासिका 103 वर्षीय राजयोगिनी दादी जानकी हैं
जीवन का अनुभव…
ब्रह्माकुमारी बहनों को देखकर मिली प्रेरणा मैंने जाग्रफी से एमए और डीसीए किया है। साथ ही टूरिज्म में डिप्लोमा किया है। संस्था में ब्रह्माकुमारी बहनों का जीवन देखकर प्रेरणा मिली कि मुझे भी अपना जीवन ऐसा ही बनाना है। अपना जीवन समाजसेवा में समर्पित करना है। मेरे इस निर्णय में मेरे माता-पिता खुशी-खुशी तैयार हो गए। जीवन का एक ही लक्ष्य है मानव का कल्याण।
ब्रह्माकुमारी कल्पना (खुशबू), सागर
दूसरों के लिए जीना ही जीवन सफल करना…
मैंने 12वीं कक्षा तक पढ़ाई की है। पिछले सात साल से संस्था से जुड़ी हूं। मैं खुद को भाग्यशाली समझती हूं कि मुझे मानवसेवा करने का मौका मिला। अपने लिए तो सभी जीतें हैं पर जो दूसरों के कल्याण, मानव उत्थान और समाज के कल्याण के लिए जीवन लगाते हैं उनकी संभाल स्वयं परमात्मा करते हैं। सात साल से संस्था से जुड़कर राजयोग ध्यान का अभ्यास कर रही हूं।
– ब्रह्माकुमारी राजकुमारी, सागर
दूसरों की मदद में मिलती है अपार खुशी…
मैंने बीए तक पढ़ाई की है। बचपन से ही दूसरों की मदद करने में अपार खुशी होती थी। इसलिए जब संस्था के संपर्क में आई तो मुझे लगा कि मैं अपने कार्य को ब्रह्माकुमारी बनकर और बेहतर तरीके से कर सकते हैं। बेटियां ठान लें तो सबकुछ कर सकती हैं। ये संस्था नारी शक्ति की मिसाल है। जहां एक नहीं बल्कि 46 हजार बहनें समाजसेवा में जुटी हैं।
ब्रह्माकुमारी आरती, सागर
गजेंद्र ठाकुर ✍️ 9302303212