रिसर्च और क्लिनिकल ट्रायल के मेडिकल डिटेल्स सिखाये गये 

रिसर्च और क्लिनिकल ट्रायल के मेडिकल डिटेल्स सिखाये गये 

सागर। आज बुंदेलखंड शासकीय मेडिकल कॉलेज में फ़ॉग्सी (FOGSI) सागर और जर्नल ऑफ़ ऑब्स्टेट्रिक्स और ज्ञानिकोलॉजी ऑफ़ इंडिया , न्यू दिल्ली के तत्वावधान से मेडिकल रिसर्च राइटिंग और क्लिनिकल ट्रायल पर एक संगोष्ठी आयोजित किया गया . इस संगोष्ठी में भोपाल एम्स से डॉ नवीन कावरे और डॉ शिल्पा कावरे ,न्यू दिल्ली गंगाराम हॉस्पिटल से डॉ माला श्रीवास्तव, हरि सिंह गौर यूनिवर्सिटी से डॉ नवीन कांगो और बीएमसी से डॉ पूजा सिंह, डॉ सुमित रावत , डॉ श्रद्धा मिश्रा और डॉ तल्हा साद ने व्याख्यान दिया और विस्तृत तौर पर मेडिकल रिसर्च और इससे संबंधित मेडिकोलिगल बातें भी बतायी. कार्यक्रम का उद्घाटन बीएमसी डीन डॉ आर एस वर्मा ने किया.संगोष्ठी में डॉ शिल्पा कावरे ने क्लिनिकल ट्रायल के बारे में बताया के (नैदानिक परीक्षण) ऐसे शोध या अध्ययन को कहते हैं, जिनका उद्देश्य यह पता लगाना होता है कि कोई चिकित्सकीय प्रणाली, दवा या कोई चिकित्सकीय उपकरण मनुष्य के लिये सुरक्षित और प्रभावी है या नहीं। 

डॉ नवीन कावरे ने बताया के ये शोध अध्ययन यह भी बता सकते हैं कि किसी रोग या लोगों के समुदाय विशेष के लिये कौन-सी चिकित्सकीय पद्धति उपयुक्त रहेगी।इन शोधों का उद्देश्य अनुसंधान है, अतः इनके लिये सख्त वैज्ञानिक मानकों का पालन किया जाता है।ऐसे परीक्षणों की शुरुआत आमतौर पर एक नए विचार या प्रयोग से होती है और उसके आशाजनक पाए जाने पर परीक्षण पशु पर किया जाता है।

डॉ तल्हा साद ने साक्ष्य आधारित चिकित्सा (Evidence-based medicine (EBM)) के बारे में बताया के चिकित्सा की वह पद्धति है जो अच्छी तरह से डिजाइन किये गये और अच्छी तरह से सम्पन्न किये गये अनुसंधानों से प्राप्त साक्ष्यों के आधार पर निर्णय लेती है।मात्र किसी एक्सपर्ट ओपिनियन के आधार पर इलाज की पद्धति को निर्धारित नहीं किया जा सकता.

कार्यक्रम में डॉ जागृति किरण , डॉ स्मिता दूबे ,डॉ ज्योति चौहान , डॉ सत्येंद्र मिश्रा , डॉ शोएब ख़ान, डॉ अमरनाथ गुप्ता ,डॉ प्रियंका पटेल ,डॉ सत्येन्द्र उईके , डॉ सिफ़ते , डॉ राकेश माहोर इत्यादि मौजूद थे .

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