सफलता के शिखर स्पर्श हेतु बड़े लक्ष्यों से निष्ठा लगन मनोयोग से पढ़ाई करें- आचार्य महेश त्रिपाठी

सफलता के शिखर स्पर्श हेतु बड़े लक्ष्यों से निष्ठा लगन मनोयोग से पढ़ाई करें- आचार्य महेश त्रिपाठी

सागर। इंसान को बड़े लक्ष्य अवश्य ही निर्धारित करना चाहिए लेकिन उनकी प्राप्ति हेतु योजनाबद्ध तरीके से लगन निष्ठा मनोयोग से धैर्य पूर्वक आगे पढ़ने और बढ़ने का प्रयास करना चाहिए। उपरोक्त उद्गार शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला धनोरा ( खुरई ) में स्कूल चले हम भविष्य से भेंट के भव्य समारोह में अखिल भारतीय साहित्य सृजन मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष आचार्य पंडित महेश त्रिपाठी ने शिक्षकों विद्यार्थियों से संवाद में व्यक्त किए|। प्रारंभ में संस्था की छात्राओं नंदिनी दात्रे, अनुराधा सेन, निकिता दांगी ने मधुर स्वरों में सरस्वती वंदना तथा अतिथियों सरपंच लल्लू राय प्राचार्य अविनाश जैन शिक्षाविद महेश त्रिपाठी संजय शर्मा राजेंद्र सोनी ने मां वीणा पाणी का पूजन वेद मंत्रोच्चार पूर्वक दीप प्रज्वलन करके किया। साहित्यकार एवं भारत गौरव सम्मान विजेता आचार्य महेश त्रिपाठी का प्राचार्य अविनाश जैन संजय शर्मा राजेंद्र सोनी आकाश राजोरिया गोपाल सिंह ठाकुर अनुजीत सिंघई, विलास पटेल, अविनाश अहिरवार ने शाल श्रीफल से सम्मानित किया। स्वागत भाषण देते हुए प्राचार्य अविनाश जैन ने कहा कि आज हमारे विद्यालय धनोरा का यह सौभाग्य है कि देश के प्रख्यात वक्ता मोटिवेशनल स्पीकर आचार्य पंडित महेश त्रिपाठी हमारे बीच स्कूल चले हम भविष्य से भेंट के समारोह में पधारे हैं हम उनका स्वागत वंदन अभिनंदन करते हैं अपने उद्बोधन में आचार्य महेश त्रिपाठी ने अपने सोंधी माटी काव्य ग्रंथ, कविताएं तथा बाज और सूअर की प्रेरक कहानी सुनाते हुए कहा कि हमारा भारत ऋषि और कृषि प्रधान देश है जिसमें भगवान श्री राम, श्री कृष्ण महावीर स्वामी गौतम बुद्ध संत तुलसी आचार्य संत विनोबा भावे संत कबीर संत रविदास संत सूरदास भक्ति मति मीराबाई ने धर्म ज्ञान अध्यात्म की त्रिवेणी प्रवाहित की इसी समृद्ध परंपरा को सागर जिला से संविधान सभा के तीन महापुरुषों डॉ हरिसिंह गौर रतन लाल मालवीय एवं पंडित रविशंकर शुक्ल ने सिंचित किया और आज देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी भारत को विश्व गुरु बनाने समर्पण भाव से कार्य कर रहे हैं साहित्यकार त्रिपाठी ने कहा कि जो महापुरुष सर्वमंगल चाहते हैं सभी के प्रति स्नेह रखते हैं समाज की सेवा एवं उत्थान के प्रति अपना सर्वस्व निछावर करते हैं उनके प्रति हम सहित सभी को अहो भाव हो जाता है तो हम ईश्वर के करीब होते हैं और हमारा मानव जीवन धन्य हो जाता है उन्होंने महर्षि वेदव्यास का श्लोक परोपकार पुण्याय पापाय परपेड़नम तथा संत तुलसी के रामचरितमानस का परहित सरिस धर्म नहिं भाई सुनाते हुए कहा कि ईश्वर निर्मित मानव ही नहीं पशु पक्षी वनस्पति वन्यजीवों मूक प्राणियों की रक्षा करना उन्हें पीड़ा ना पहुंचाना वृक्षारोपण करना दयालुता का भाव विद्यार्थियों में अनुशासित जीवन जीना सिखाता है मोटिवेशनल स्पीकर आचार्य त्रिपाठी ने शिक्षकों एवं विद्यार्थियों से प्रार्थना सभा बालसभा को नियमित सशक्त बनाने महापुरुषों की गौरव गाथाये पढ़ने योग एवं स्काउट गाइड की गतिविधियां संचालित करने शालाओं को आनंद घर बनाने एवं शिक्षा विभाग के बाल देवो भव की परिकल्पना साकार करने हेतु अभिप्रेरित कर हिंदी निबंध लेखन वाक्य विन्यास कहानी कविता मौलिक सृजन शुद्ध लेख श्रुतलेख सुलेख की गतिविधियां प्रतिवर्ती माता को प्रणाम सूर्य नमस्कार बुजुर्ग माता-पिता गुरुओं का सम्मान करने की भावना जागृत कर सभी को संकल्प दिलाया की सभी माता-पिता प्रतिदिन अपने बच्चे बच्चियों को उनके उज्जवल भविष्य के लिए स्कूल भेजेंगे भारत माता की जय वंदे मातरम के गगनभेदी नारे भी गूंजे आचार्य महेश त्रिपाठी ने नव प्रवेशित विद्यार्थियों सहित धनोरा हायर सेकेंडरी स्कूल की बारहवीं की छात्रा नवोदित कवित्री कुमारी लक्ष्मी अहिरवार का तिलक फूल माला से सम्मान किया एवं उसे निरंतर कविताएं लिखने प्रोत्साहित कर शुभकामनाएं दी आचार्य त्रिपाठी ने अपना काव्य ग्रंथ सोंधीमाटी संस्था के प्राचार्य को भेंट किया इस अवसर पर सरपंच लल्लू राय, पंच, पालक शिक्षक संघ पदाधिकारी स्कूल स्टाफ एवं विद्यालय के सभी छात्र छात्राएं अपने बीच में देश के प्रसिद्ध मोटिवेशनल स्पीकर आचार्य पंडित महेश त्रिपाठी को सुनकर मंत्रमुग्ध हुए। कार्यक्रम का मंच संचालन संजय शर्मा शिक्षक ने किया।

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