MP: इंदौर के एमआईजी थाने में पदस्थ टीआई अजय वर्मा को कल लाइन अटैच कर दिया गया। हालांकि इसके बाद भी थाने के स्टाफ ने उनका हार और पुष्प से स्वागत किया था। लेकिन जब से ये थाने पर पदस्थ हुए थे, तब से ही अफसरों के निशाने पर थे। लोकायुक्त ने एक साल पहले एक महिला से एक लाख की रिश्वत लेने के मामले में दो जवानों के खिलाफ केस दर्ज किया था। हालांकि यह ट्रैप फेल हो गया था।
बदमाश पर कार्रवाई नहीं करने के मामले में लाइन भेजे गए एमआईजी टीआई शुरू से ही जांच के घेरे में रहे हैं। लोकायुक्त ने जब थाने के दो जवानों को ट्रैप किया था इस मामले में भी लोकायुक्त की जांच के वे घेरे में थे।
जवानों ने चलती गाड़ी में महिला से बैग में रुपए रखवाए थे और लोकायुक्त की टीम उनको पकड़ती इसके पहले भाग गए थे, लेकिन वहां लगे सीसीटीवी कैमरे में वे कैद हो गए थे और लोकायुक्त ने उनको आरोपी बनाया था। बाद में जांच में एक एसआई पर भी केस दर्ज किया गया था। एसआई ने महिला को जवानों से बात करने भेजा था, जबकि महिला टीआई से मिली थी, टीआई ने उसे एसआई के पास भेजा था। इस मामले में टीआई लोकायुक्त की जांच के घेरे में थे, लेकिन तब बच गए थे। इसके बाद एमआईजी थाना क्षेत्र में श्रीनगर के एक व्यापारी को एक युवती ने जाल में फंसाया था और उससे लाखों रुपए ले लिए थे। इस मामले में बाद में व्यापारी की शिकायत पर युवती को पकड़ा गया था। इसमें भी टीआई की भूमिका जांच के घेरे में थी, लेकिन वे फिर बच निकले थे, लेकिन अब एक गुंडे पर कार्रवाई नहीं करने के चलते लाइन भेज दिए गए।