नाबालिग के साथ जबरन दुष्कृत्य करने वाले आरोपी को आजीवन सश्रम कारावास एवं अर्थदण्ड

 

सागर । नाबालिग के साथ जबरन दुष्कृत्य करने वाले आरोपी कमलेष पटैल को तृतीय अपर-सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश (पाक्सों एक्ट 2012) नीलम शुक्ला जिला-सागर की अदालत ने दोषी करार देते हुये भा.द.वि. की धारा-376(1) के तहत 10 वर्ष सश्रम कारावास एवं पॉच हजार रूपये अर्थदण्ड, धारा- 342 के तहत 01 वर्ष सश्रम कारावास एवं पॉच सौ रूपये अर्थदण्ड, धारा-506 (भाग-2) के तहत 05 वर्ष का सश्रम कारावास एवं पॉच सौ रूपये अर्थदण्ड तथा अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1989 की धारा 3(1)(डब्ल्यू)(आई) के तहत 03 वर्ष सश्रम कारावास व पॉच सौ रूपये अर्थदण्ड, धारा-3(2)(व्ही) के तहत आजीवन सश्रम कारावास व पॉच हजार रूपये अर्थदण्ड , धारा-3(2)(व्ही-ए), के तहत 05 वर्ष का सश्रम कारावास व पॉच सौ रूपये अर्थदण्ड की सजा से दंडित किया है। न्यायालय द्वारा बालिका के पुर्नवास के लिये उसे क्षतिपूर्ति के रूप में युक्तियुक्त प्रतिकर 4,00,000/- (चार लाख रूपये) दिये जाने का आदेष दिया गया । मामले की पैरवी सहायक जिला अभियोजन अधिकारी श्रीमती रिपा जैन ने की एवं प्रकरण की विवेचना मनभरण प्रजापति तत्कालीन सी.एस.पी. मकरोनिया द्वारा की गई।

घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि सूचनाकर्ता/बालिका ने थाना गोपालगंज में रिपोर्ट लेख कराई कि स्कूल जाने के दौरान उसकी जान पहचान अभियुक्त कमलेश पटैल से हो गई थी। फिर करीब माह नवम्बर 2019 से उसकी व अभियुक्त कमलेश की बातचीत होने लगी अभियुक्त कमलेश पटेल ने उसे बात करने के लिये की-पैड मोबाईल भी दिया और अभियुक्त कमलेश पटेल उससे शादी करने का कहने लगा। बालिका द्वारा शादी करने से मना करने पर अभियुक्त मर जाने का कहने लगा। दिनांक 20.02.2020 के शाम करीब 8-9 बजे अभियुक्त कमलेश ने उसे फोन करके मिलने के लिये कहा तथा बालिका के मिलने आने पर वह बालिका को उसके घर ले गया और बालिका से शादी करने या भाग चलने के लिए कहने लगा। तब बालिका ने कहा कि वह उसके घर वालों की मर्जी के बिना शादी नहीं करेगी फिर अभियुक्त ने घर का दरवाजा बंद कर दिया और रात के करीब 10ः00 बजे उसके साथ जबरदस्ती गलत काम ;बलात्कारद्ध किया तथा बालिका द्वारा घटना के बारे में उसके घर वालों को बताने पर अभियुक्त ने उसे व उसके घर वालों को जान से मारने की धमकी दी जिससे उसने डर के कारण किसी को कुछ नहीं बताया। दिनांक 17.03.2020 को करीब 12ः00 बजे जब बालिका उसका 12 वीं का पेपर देकर लौट रही थी तो अभियुक्त कमलेश उसे रास्ते में मिला और उसने बालिका से शादी करने के लिए कहा तथा शादी न करने पर बालिका को बदनाम करने की धमकी देने लगा तब बालिका ने उसके घर जाकर उसकी माँ, उसकी बहनों व भाई को घटना के बारे में बताया एवं दिनांक 18.03.2020 को उसकी माँ बहन एवं भाई के साथ पुलिस थाना जाकर रिपोर्ट की ।उक्त रिपोर्ट के आधार पर थाने पर प्रकरण पंजीबद्ध कर मामला विवेचना में लिया गया, विवेचना के दौरान साक्षियों के कथन लेख किये गये, घटना स्थल का नक्शा मौका तैयार किया गया अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित कर थाना-गोपालगंज द्वारा धारा-342, 376, 506 भा.दं.सं. , धारा-3/4 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 एवं धारा 3(1)(डब्ल्यू), 3(2)(व्ही) अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1989 का अपराध आरोपी के विरूद्ध दर्ज करते हुये विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में पेश किया। अभियोजन द्वारा अभियोजन साक्षियों एवं संबंधित दस्तावेजों को प्रमाणित किया गया एवं अभियोजन ने अपना मामला संदेह से परे प्रमाणित किया । जहॉ विचारण उपरांत तृतीय अपर-सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश (पाक्सों एक्ट 2012) नीलम शुक्ला जिला-सागर की न्यायालय ने आरोपी को दोषी करार देते हुये उपर्युक्त सजा से दंडित किया है।

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