MP: राजधानी भोपाल में फर्जी बैंक गारंटी लगाकर शराब का ठेका लेने वाले सनसनीखेज मामले में दो सहायक आबकारी अधिकारी और एक उप निरीक्षक को निलंबित कर दिया गया है। हालांकि कार्रवाई में सहायब आबकारी आयुक्त को बच गए हैं। इससे कार्रवाई पर ही सवाल उठने लगे हैं। इस मामले में आबकारी आयुक्त ने आदेश जारी कर दिया है।
यह था मामला- भोपाल के लालघाटी गु्रप की दो दुकानों को उच्चतम बोली लगाकर मेहता एंड राठौड़ एसोसिएट्स ने हासिल किया था। इनके द्वारा 1 करोड़ 84 लाख की बैंक गारंटी विभाग में जमा कराई गई थी। यह डीडी पश्चिम बंगाल से बनवाया गई थी। विभाग ने जब इसका सत्यापन कराया तो खुलासा हुआ कि यह फेक डीडी है। इसे फर्जी दस्तावेजों के सहारे बनवाया गया है। इस मामले के सामने आने के बाद कलेक्टर के निर्देश पर जहां लाइसेंस निरस्त किया गया , वहां एसोसिएट्स के भागीदारों के खिलाफ प्रकरण भी दर्ज कराया गया।
सहायक आबकारी अधिकारी सुदीप तोमर, आबकारी उप निरीक्षक सीमा कसिसीया सर्किल प्रभारी थे, वहीं सहायक आबकारी अधिकारी ओमप्रकाश जामोद ठेका प्रभारी। सर्किल प्रभारी ने पास समय पर बैंक गारंटी आ गई थी। बावजूद इनके द्वारा दो माह तक इसका सत्यापन नहीं कराया गया। ठेका प्रभारी ने भी बैंक गारंटी वैध है कि नहीं इसे वेरीफाई करने की जरूरत नहीं समझी। इसे लेकर किसी तरह की नोटशीट भी प्रस्तुत नहीं की गई। ये पूरी तरह लापरवाह बने रहे।
फर्जी बैंक गारंटी का एक मामला सामने आने के बाद विभाग हरकत में आ गया है। आबकारी आयुक्त के निर्देश पर अब सभी शराब ठेकेदारों द्वारा जमा की गई बैंक गारंटी की पड़ताल विभागीय अमले ने शुरू कर दी है। इस जांच के बाद ही साफ हो सकेगा कि फर्जी डीडी जमा करके तो अन्य ठेके नहीं लिये गये।
लालघाटी ग्रुप के री-टेंडर कराये गये। इसमें 12 लोगों ने भाग लिया था। मंगलवार को टेंडर ओपन किये गये। इसमें रिजर्व प्राइस 14 करोड़ 78 लाख 10 हजार 702 रुपए से 5.6 फीसदी अधिक बोली लगा कर सीएंडजी ट्रेडर ने 15 करोड़ 65 लाख 58 हजार रुपए में ग्रुप ले लिया।