MP: मध्यप्रदेश में भाजपा के नए अध्यक्ष की नियुक्ति की सुगबुगाहट तेज हो गयी हैं, अंदरुनी तौर पर मुख्यमंत्री गुट ने नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह का नाम आगे बढ़ाया है, लेकिन सिंधिया सर्मथकों ने अभी से भूपेन्द्र के खिलाफ लामबंदी शुरू कर दी है, आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए अध्यक्ष की ताजपोशी अहम मानी जा रही है।
भूपेंद्र सिंह की गिनती मध्य प्रदेश बीजेपी के कद्दावर नेताओं में होती है, जो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी खास माने जाते हैं। 20 मई 1960 को सागर जिले के बामोरा गांव में जन्में भूपेंद्र सिंह ने छात्र जीवन से ही राजनीति में प्रवेश कर लिया था. वह 2018 के विधानसभा चुनाव में सागर जिले की खुरई विधानसभा सीट से विधायक हैं और शिवराज सरकार में दूसरी बार मंत्री बने हैं।
मंत्री भूपेंद्र सिंह मध्य प्रदेश में बीजेपी के बड़े रणनीतिकार माने जाते हैं, बीजेपी को दोबारा से सत्ता में लाने में उनकी अहम भूमिका रही थी, भूपेंद्र सिंह स्थानीय और राष्ट्रीय मुद्दों पर अपनी मजबूत पकड़ रखते हैं. 2013 में बनी शिवराज सरकार में उन्होंने गृह और परिवहन मंत्रालय जैसे बड़े विभागों की जिम्मेदारी संभाली थी. ओबीसी वर्ग से आने वाले भूपेंद्र सिंह सीएम शिवराज के करीबी मंत्रियों में से एक हैं।
मंत्री भूपेंद्र सिंह 1982 में सागर विश्वविद्यालय जिसे अब डॉक्टर हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय के नाम से जाना जाता है, वहां के छात्र सचिव चुने गए थे. 1985 में वह भाजपा युवा मोर्चा सागर के जिलाध्यक्ष बने और यही से उनकी बीजेपी में राजनीतिक पारी शुरू हुई. 1993 के विधानसभा चुनाव में वह पहली बार सागर जिले की सुरखी विधानसभा सीट से विधायक बने और 1998 में भी लगातार दूसरी बार चुनाव जीता. भूपेंद्र सिंह भोपाल से दिल्ली तक का तय कर चुके हैं सफर. 2009 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने पूर्व ओलपियन अशलम शेरखान को हराकर सागर लोकसभा सीट सीट से जीत दर्ज की थी. 2013 में वह तीसरी बार विधायक का चुनाव जीते और शिवराज सरकार में परिवहन मंत्री बने. बाद में उन्हें गृह मंत्री भी बनाया गया. जबकि 2016 में आयोजित हुए उज्जैन महाकुंभ का प्रभार भी भूपेंद्र सिंह को मिला था. 2018 में भूपेंद्र सिंह चौथी बार विधायक बने और वर्तमान में वह शिवराज सरकार में नगरीय प्रशासन मंत्रालय की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं।