सीएम शिवराज की घोषणा अब हर गांव में लाडली बहना सेना बनाई जायेगी

सागर। मुख्यमंत्री शिवराज बोले अब हर गांव में लाडली बहना सेना बनाई जायेगी। छोटे गांव में 11 और बडे गांव में 31 बहने इसमें शामिल होगीं। लाडली बहना सेना शासन की विकास योजनाओं के क्रियान्वयन में सहभागिता करेगी वह सतना जिले के रामनगर में खेल मैदान में आयोजित लाडली बहना सम्मेलन में बोल रहे थे उन्होंने कहा कि लाडली बहना योजना केवल योजना नही है। यह बहनो के जीवन को बदलने का अभियान है। शुक्रवार को रामनगर में सैकड़ो बहनो ने पगड़ी बांधकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह का सम्मान किया है। मुख्यमंत्री बोले मै इस सम्मान और विश्वास की जीवन भर रक्षा करूगां। लाडली बहना योजना मेरे और प्रदेश के करोड़ों बहनो के बीच पवित्र रिस्ता है। 

सीएम शिवराज सिंह ने कहा कि अब हमने लाडली बहना योजना शुरू की है। इस योजना से बहनों की छोटी-मोटी आवश्यकताओं की पूर्ति होने के साथ संकट में परिवार को सहायता देने का भी सामर्थ्य मिलेगा। अब हर बात के लिये पति के आगें हाथ नही फैलाना पड़ेगा। सतना जिले में 3 लाख 75 हजार से अधिक बहनों के आवेदन पत्र भरवाये गये है। इन बहनों को 10 जून को सायं 7 बजे लाडली बहना योजना की पहली किस्त के रूप में 1 हजार रूपये प्रदान किये जायेगें। इसके बाद हर महीने की 10 तरीख को लाखों बहनो को 1 एक रूपये उनके बैक खातों में प्रदान किये जावेगें। इस योजना सरकार प्रदेश की 1 करोड़ 85 लाख बहनों को 16 हजार करोड़ रूपऐ वितरित करेगी।

शिवराज आगे बोले प्रदेश की लाखों लाडली लक्ष्मी बेटियां हैै। इनके मेडिकल कॉलेज, इंजीनियरिंग कॉलेज तथा अन्य उच्च शिक्षण संस्थानों में एडमिशन लेने पर पढ़ाई की फीस मामा भरेगा। महिला सशक्तिकरण के लिये प्रदेश में कई योजनाऐं लागू की गई है। एक समय था जब बेटे और बेटियों में भेद-भाव किया जाता था। बेंटियों के जन्म को बोझ माना जाता था। हालत यहां तक थी कि बेटे की चाह में कोख को बेटियों को मार दिया जाता था। सीएम बनने के बाद मैने बेटियों की स्थिति में सुधार के लिये कई प्रयास किये। लाडली लक्ष्मी योजना ने बेटियों को लखपति बनाया। स्थानीय निकाय तथा पंचायतोें के चुनाव में बेटियों के लिये 50 प्रतिशत आरक्षण दिया। महिला स्व-सहायता समूहो के माध्यम से बहनो को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाया गया। हमने कानून बनाकर महिलाओं को जामीन, मकान तथा परिवार की ही सम्पत्ति में समानता का अधिकार दिया। जमीन की रजिस्ट्री महिला के नाम होने पर केवल एक प्रतिशत स्टाम्प शुल्क लिया जाता है। इस कदम से लाखों बहने सम्पत्ति की मालकिन बनी। इन योजनाओं ने मध्य प्रदेश में महिला सशक्तिकरण को सफल बनाया। आज बेटियां हर क्षेत्र में बेटों की ही तरह सफलताऐं प्राप्त कर रही है। अब बेटी को बेटे से भी अधिक दुलार और सम्मान मिल रहा है।

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