पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के वक्तव्य पर हैहय क्षत्रिय वंशी ताम्रकार समाज व कल्चुरी कलार समाज ने दिया ज्ञापन
सागर। बीते दिनों धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री द्वारा अपने फेसबुक पोस्ट पर प्रसारित किए गए बयान जिसमें उन्होंने क्षत्रिय हैहय वंशियों के भगवान सहस्त्रबाहु के बारे में विवादित कथन किया है इसको लेकर सागर के हैहय क्षत्रिय वंशी ताम्रकार समाज व कल्चुरी कलार समाज पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन सौंप कर धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री के खिलाफ अपराधिक प्रकरण दर्ज करने की मांग की है। ज्ञापन में कहा गया है कि धीरेंद्र शास्त्री द्वारा भगवान सहस्त्रबाहु को अत्याचारी बताते हुए कई अपत्तिजनक शब्द कहे है व हैहय वंश के क्षत्रिय राजाओं का भी अपमान किया है। जिससे हैहय वंशी क्षत्रिय कल्चुरी समाज व ताम्रकार समाज की धार्मिक भावनाएं आहत हुई है, पंकज मुखरया ने कहां की धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री जैसे व्यक्ति जिन्हें कई लोग सुनते है उनके द्वारा शास्त्र वृतांतो के विरुद्ध भगवान सहस्तबाहू के बारे में गलत टिपण्णी करना हमें स्वीकार नहीं माफी मांगनी चाहिए। इस मौके पर कल्चुरी समाज के अध्यक्ष प्रदीप चौकसे, ताम्रकार समाज के अध्यक्ष उमाशंकर ताम्रकार, एड शिवकुमार ताम्रकार, सुबोध ताम्रकार, धन्नलाल ताम्रकार, राकेश राय, पंकज मुखराया, नाथूराम राय, नीलेश राय, सुनील बिंचू चौकसे, मनोज राय, राहुल राय, सन्नी चौकसे, अजीत चौकसे, सुबोध ताम्रकार, बलराम राय, सुनील चौकसे, शैलेंद्र राय, सुनील ताम्रकार, सुनीत ताम्रकार, नयन ताम्रकार, मीडिया प्रभारी, संजय ताम्रकार, संतोष ताम्रकार, शिवराम ताम्रकार, सुनील ताम्रकार, निक्की राय, राजकुमार तमक्रार, संजय चौकसे, संजय राय, कमलेश राय रहली, विजय ताम्रकार, राजेश ताम्रकार, सत्यम ताम्रकार, भरत ताम्रकार, नरेश राय, आदि अनेकों हैहय वंशी समाज के लोग उपास्थित थे।
क्या बोला गया था
पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के वक्तव्य पर हैहय क्षत्रिय वंशी ताम्रकार समाज, कल्चुरी कलार समाज ने FIR करने सौपा ज्ञापन pic.twitter.com/OIYvTjsud9
— Khabar ka Asar.com (@kka_news) April 28, 2023
बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने बीते दिन एक बयान जारी किया था जिसमें उन्होंने भगवान परसुराम द्वारा 21 बार क्षत्रिय विहिन धरती जैसी बातों का खंडन करते हुए बोला था कि पापियों का नाश करने विष्णु भगवान के छठे अवतार परसुराम जी ने केवल पापियों का संहार किया था उसमें क्षत्रिय धर्म के राजा नही राक्षस वंस के आततायी राजा थे जो पापपचार की पराकाष्ठा कर रहे थे आदि..