अगर आप ये गलतियां करते हैं तो आप पुरुष नपुंसकता का शिकार हो सकते हैं
सागर। रविवार को मेडिकल कालेज के टी बी एवं चेस्ट विभाग,एसोसिएशन ऑफ़ फिजिशियंस ऑफ़ इंडिया (API) सागर और इण्डियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) सागर के सानिध्य से संगोष्ठि आयोजित किया गया। इस संगोष्ठि को जबलपुर के एंडोक्रीन सुपर स्पेशलिस्ट डॉ विक्रम सिंह चौहान और सुप्रसिद्ध मनोरोग विशेषज्ञ डॉ राजीव जैन ने सम्बोधित किया।
संगोष्ठि को संबोधित करते हुए डॉ राजीव जैन ने बताया कि पुरुष बांझपन में शुक्राणु 15 मिलियन/ml से कम हो जा रहे होते हैं जिसकी वजह से बच्चे नहीं होने की संभावना बढ़ जा रही होती है.इसके विपरीत पुरुष नपुंसकता में लिंग अपनी पूरी क्षमता से काम नहीं कर पा रहा होता है.
उन्होंने बताया के पीड़ित मरीजों का पहले किसी भी अंतर्निहित शारीरिक और मनोवैज्ञानिक स्थितियों के लिए मूल्यांकन किया जाना चाहिए। यदि अंतर्निहित स्थितियों का उपचार मदद नहीं करता है, तो दवा और सहायक उपकरण, जैसे पंप, निर्धारित किए जा सकते हैं।
पुरुष बांझपन के बारे में बताते हुए डॉ विक्रम सिंह चौहान ने बताया के 60 से कम आयु के पुरुषों में लगभग 12 प्रतिशत ,60 से अधिक आयु के लोगों में 22 प्रतिशत और 70 या उससे अधिक उम्र के लोगों में 30 प्रतिशत पुरुष बांझपन पाया जाता है। इसके विभिन्न कारणों को बताया जिसमें दिल संबंधी रोग, जैसे – हार्ट अटैक, थक्का लगना आदि,डायबटिज़, बल्ड प्रैशर,कैंसर, डिप्रैशन,नशीली दवाओं के सेवन द्वारा, शराब का उपयोग और धूम्रपान शामिल हैं।
कार्यक्रम में डॉ तल्हा साद, डॉ सुमित रावत, डॉ एस के सिंह , डॉ डी के पिप्पल , डॉ दिवाकर मिश्रा,डॉ जागृति किरण, डॉ प्रदीप सिंह चौहान , डॉ ज्योति चौहान ,डॉ पूजा सिंह ,डॉक्टर ऋषि जैन, डॉ अभिषेक जैन , डॉ आर डी ननहोरिया , डॉ संजीव मुखारिया, ,डॉ राजेंद्र चौदह , डॉ रूबी रेजा , डॉ आरती सिंघाई , डॉ प्रियंका पटेल,डॉ रुचि जयसवाल,डॉ साधना मिश्रा इत्यादि मौजूद थे।