अभिव्यक्ति के लिए संवेदना आवश्यक : डॉ. शर्मा
सागर। ब्रेल लिपि एवं सांकेतिक भाषा के माध्यम से राष्ट्रीय शिक्षा नीति को क्रियान्वित करना एवं विद्यालय में समावेशी शिक्षा को सर्व सुलभ बनाना आप सभी शिक्षकों का महत्वपूर्ण दायित्व है। यह विचार डाइट सागर में आयोजित पांच दिवसीय ब्रेल लिपि एवं सांकेतिक भाषा कि प्रशिक्षण के समापन अवसर पर टीचिंग लर्निंग सेंटर डॉ हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय सागर के डॉक्टर संजय शर्मा ने व्यक्त किए। जिला परियोजना समन्वयक डॉ गिरीश मिश्रा ने प्रशिक्षित शिक्षकों के कार्यों की सराहना की उन्हें समावेशीत शिक्षा के अंतर्गत होने वाली गतिविधियों में सहभागिता देने हेतु प्रोत्साहित किया। प्रशिक्षण प्रभारी डॉ प्रवीण गौतम ने प्रशिक्षण के क्रियान्वयन की रूपरेखा एवं किए गए कार्यों का लेखा जोखा प्रस्तुत किया। प्रभारी प्राचार्य डाइट डॉक्टर अनिल पांडे ने की गई विधा के प्रचार प्रसार में योगदान देने के लिए शिक्षकों से अपेक्षा की। वरिष्ठ व्याख्याता डॉ ए के सिंह समावेशी शिक्षा को प्रभावी बनाने हेतु महत्त्वपूर्ण दिशा निर्देश दिए। प्रशिक्षण को संचालित करने में रिसोर्स पर्सन रविशंकर सोनकर, सुनील कोरी,सरल सराफ , मोहम्मद आरिफ , संध्या पांडे ने महत्वपूर्ण योगदान दिया।
इस कौशल कार्यशाला में सागर जिले के 70 शिक्षकों ने सहभागिता की।