भोपाल। बात करें बेटियों की उम्मीदों के पंख को परवाज देने की तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने शायद ही कोई कसर छोड़ी हो। उन्होंने ने 18 साल में बेटियों के लिए कई योजनाएं शुरू की, जिसमें लाडली लक्ष्मी योजना प्रदेश की फ्लेगशिप योजना के रूप में ही जानी जाने लगी है। यह योजना बेटियों के जन्म से लेकर उनकी पढ़ाई और विदाई तक उनका साथ निभाती है। इस योजना को प्रदेश की बेटियों ने इस कदर प्यार दिया कि इसका अनुसरण दूसरे राज्यों ने भी किया।
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बात करें बेटियों की उम्मीदों के पंख को परवाज देने की तो शिवराज ने शायद ही कोई कसर छोड़ी हो। शिवराज ने 18 साल में बेटियों के लिए कई योजनाएं शुरू की, जिसमें लाडली लक्ष्मी योजना प्रदेश की फ्लेगशिप योजना के रूप में ही जानी जाने लगी है। यह योजना बेटियों के जन्म से लेकर उनकी पढ़ाई और विदाई तक उनका साथ निभाती है। इस योजना को प्रदेश की बेटियों ने इस कदर प्यार दिया कि इसका अनुसरण दूसरे राज्यों ने भी किया।
प्रदेश की 50 हजार से अधिक बेटियों ने आज चिट्ठी लिखकर लाड़ली लक्ष्मी योजना का लाभ मिलने से अपनी अध्ययन यात्रा को सुगम बताते हुए आभार व्यक्त किया।
बेटियों मेरे रहते हुए तुम्हारी पढ़ाई की राह में कोई बाधा नहीं आ पायेगी। तुम पढ़ो,आगे बढ़ो, मेरी शुभकामनाएं, आशीर्वाद तुम्हारे साथ हैं। pic.twitter.com/nm4x1cJwyF
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) May 8, 2022
लाडली लक्ष्मी योजना की कामयाबी ही वो वजह रही कि शिवराज सिंह ने अपने चौथे कार्यकाल में लाडली लक्ष्मी योजना 2.0 शुरू की। मूल योजना एक अप्रैल 2007 में शुरू हुई जिसके अंतर्गत पहली और दूसरी बेटी की जिम्मेदारी जन्म से ही मध्यप्रदेश सरकार की हो जाती है। शर्त ये है कि बच्चे दो से ज्यादा नहीं होना चाहिए। अभी हाल ही में इस योजना को एक्सटेंड करते हुए शिवराज सरकार ने 12वीं पास करके कॉलेज जाने वाली छात्राओं को 25 हजार रुपये देना शुरू कर दिया है। दो किश्तों में दी जाने वाली राशि की पहली किश्त 12,500 रु एमिशन लेने पर और इतनी ही रकम पढ़ाई पूरी करने के बाद दी जाती है। इसके अलावा मेडिकल, इंजीनियरिंग और मैनेजमेंट के महंगे कोर्सेस पढ़ने वाली छात्राओं की पूरी फीस भी अब सरकार ही अदा करती है।