बंडा थाना प्रभारी की कार्रवाई के बाद डीआईजी नायक ने किया दोनों आरक्षकों को सस्पेंड, विभागीय जांच के आदेश
सागर। जिले में घटित कथित चांदी कांड के बाद एक बार फिर से वर्दी पर दाग लगा है। अब बंडा थाने में पदस्थ दो आरक्षक जुआ खिलवाने जैसे संगीन आरोप में हटाए गए हैं। डीआईजी तरुण नायक ने आरक्षकों को सस्पेंड कर विभागीय जांच के आदेश दिए हैं। बंडा थाना प्रभारी नवल आर्य की कार्रवाई के चलते इस पूरे मामले का खुलासा हुआ है। पूर्व में इस तरह के मामलों में थाना प्रभारी तक जांच के घेरे में आते रहे हैं। बंडा थाने में पोस्टिंग के बाद आरक्षक प्रवीण जाट और देवेंद्र सिंह ने दिसंबर में बंडा की संजय कॉलोनी निवासी अनिल राय का दो मंजिला मकान किराए पर लिया था। इसमें ऊपर-नीचे 5-6 कमरे हैं। खास बात यह है कि मकान में दोनों अकेले ही रह रहे थे। जिससे जुआरियों से इनकी संलिप्तता को लेकर शक और गहरा रहा है। चर्चा तो यहां तक है कि पुलिस से बचने और सुरक्षित तरीके से जुआ फड़ के संचालन के लिए पूरी प्लानिंग की गई थी। जुआ फड़ चलाने वाले मास्टर माइंड से मिलीभगत के चलते आरक्षकों को किराए से यह मकान दिलाया गया था। जांच में कुछ और जुआरियों के चेहरे सामने आ सकते हैं। आरक्षकों के किराए के मकान में जुआ फड़ संचालित होने के मामले को डीआईजी तरुण नायक ने गंभीरता से लिया है।
आरक्षकों की जुआरियों से संलिप्तता का संदेह होने पर मंगलवार को आरक्षकों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। साथ ही आरक्षकों के खिलाफ विभागीय जांच शुरू कराई है। रविवार सोमवार की दरम्यानी रात बंडा थाना प्रभारी नवल आर्य को बंडा की संजय में कॉलोनी में अनिल राय के मकान में जुआ फड़ संचालित होने की मुखबिर से सूचना मिली थी। वे पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंचे और 10 जुआरियों को ताश पत्तों पर हार-जीत का दांव लगाते पकड़ा जांच में सामने आया कि जिस मकान में जुआ फड़ चल रहा था उसमें किराए से बंडा थाने में पदस्थ आरक्षक प्रवीण जाट और देवेंद्र सिंह रहते हैं।
आरक्षकों ने कभी भी जुआ फड़ के संबंध में पुलिस को सूचना नहीं दी और न ही खुद कार्रवाई की। जिस पर बंडा थाना प्रभारी आर्य ने एसडीओपी शिखा सोनी और एडिशनल एसपी विक्रम सिंह कुशवाहा को सूचना दी। मामला डीआईजी नायक के संज्ञान में आने पर उन्होंने तत्काल आरक्षकों को लाइन अटैच कर दिया था।