सागर। मामला गढ़ाकोटा की झिरिया- खिरिया पंचायत का है। विशेष न्यायाधीश, भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम आलोक मिश्रा की अदालत ने फैसला सुनाया है। मामले में पैरवी अति. जिला अभियोजन अधिकारी शिव संजय ने की। अभियोजन के मीडिया प्रभारी सौरभ डिम्हा के अनुसार झिरिया- खिरिया में कुल 170 शौचालयों का निर्माण होना था। जिसकी कार्य एजेंसी ग्राम पंचायत थी। प्रति शौचालय 4,600 रुपए के मान से 7 लाख 82 हजार रुपए पंचायत को आवंटित किए गए थे।
निर्मल स्वच्छ भारत अभियान के तहत शौचालय निर्माण में हुए घोटाले के मुख्य आरोपी सरपंच व सचिव की मामले के विचारण के दौरान मौत होने के बाद इस मामले में सहआरोपी मटेरियल सप्लायर आरोपी भरत जाट को धारा 120 बी के तहत 3 वर्ष का सश्रम कारावास व 4 लाख रुपए अर्थदंड तथा दिव्यांग अनीता पटेल को धारा-120-बी के तहत 1 वर्ष का सश्रम कारावास व 5000 रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई है।
तत्कालीन सरपंच पुरूषोत्तम व सचिव संतोष ने समस्त शौचालय का निर्माण पूर्ण कराए बिना राशि आहरित कर ली थी। मामला संज्ञान में आने पर मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत रहली ने 27 सितंबर 2013 को सरपंच-सचिव व रोजगार सहायक को 7 दिवस में कार्य पूर्ण कराने या आहरित राशि जमा करने का सूचना पत्र दिया था। जनपद पंचायत रहली के ब्लॉक समन्वयक अनुपम सराफ से जांच प्रतिवेदन आहूत किया। उन्होंने मौके पर जाकर जांच की तो कुल 20 हितग्राहियों के शौचालय पूर्ण मिले, जबकि 29 शौचालय अपूर्ण होना पाया गया, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा रहली में उपयंत्री अनिल कुमार पाठक ने पूर्ण व अपूर्ण शौचालयों के कार्य का मूल्यांकन किया। जिसके अनुसार पूर्ण 20 शौचालयों में 92 हजार रुपए व 29 अपूर्ण शौचालयों में 66 हजार 700 रुपए कुल 1,58,700 का कार्य होना पाया गया। शेष राशि 6,23,300 रुपए का दुरूपयोग पाया गया। सरपंच-सचिव ने सामग्री के बिल व वाउचर भी उपलब्ध नहीं कराए। अनुपम सराफ ने जांच प्रतिवेदन 25 दिसंबर 2014 को प्रस्तुत किया। अनुविभागीय अधिकारी राजस्व के निर्देश पर सरपंच व सचिव के विरूद्ध थाना गढ़ाकोटा में प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। विचारण के दौरान अभियोजन द्वारा अभियोजन साक्षियों एवं संबंधित दस्तावेजों को प्रमाणित किया गया।
अभियोजन ने अपना मामला संदेह से परे प्रमाणित किया। अभियोजन के मीडिया प्रभारी डिम्हा ने बताया कि इस मामले में मुख्य आरोपी सरपंच व सचिव की मौत हो गई थी भरत जाट व अनीता पटेल दोनों को मटेरियल का भुगतान हुआ था। इन दोनों को मामले में सह आरोपी बनाया गया था।