MP: इस तरह पकड़ा सागर पुलिस ने 5 करोड़ का फ्रॉड, दुबई तक जुड़े जालसाजों के तार

सागर पुलिस ने शेयर मार्केट में पैसा लगाने का झांसा देकर ऑनलाइन फ्रॉड का खुलासा किया है। गुजरात के सूरत से तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है जिनके पास से बड़ी मात्रा में एटीएम, पासबुक समेत अन्य दस्तावेज बरामद हुए हैं। साथ ही बैंक खातों में करीब सवा करोड़ रुपए की राशि जमा कराना सामने आया है। मामले में कार्रवाई करते हुए पुलिस ने बैंक खातों को होल्ड कराया है। प्रकरण के मास्टरमाइंड दो आरोपी दुबई में छिपे बैठे हैं। पुलिस को उनकी लोकेशन मिली है। जिसके बाद पुलिस आरोपियों को गिरफ्तार करने की कार्रवाई कर रही है।

मामले का खुलासा करते हुए पुलिस अधीक्षक तरुण नायक ने बताया कि 31 अक्टूबर को फरियादी वैभव गुप्ता निवासी राजीवनगर वार्ड से शेयर मार्केट के नाम पर 1 करोड़ 70 लाख रुपए की धोखाधड़ी की गई थी। फरियादी ने थाने में शिकायत की। शिकायत मिलते ही पुलिस टीम जांच में जुटी साइबर सेल की टीम ने मामले में तफ्तीश शुरू की जांच में सामने आया कि जिन खातों में पैसा ट्रांसफर हुआ है सूरत के हैं।

टीम सूरत पहुंची और लोकेशन के आधार पर दबिश देकर तीन आरोपियों को हिरासत में लिया। थाने लाकर पूछताछ की गई जिसमें उन्होंने ऑनलाइन धोखाधड़ी करने की बात कबूली। कार्रवाई में पुलिस ने आरोपी शब्बीर पुत्र सत्तार आकूकाड़ा उम्र 37 साल, रियाज पुत्र लालाबाई पटेल उम्र 28 साल और रईस पुत्र रफीक मिया उम्र 41 साल सभी निवासी सूरत को गिरफ्तार किया है। दो आरोपी फरार है। फरार आरोपी आवेश आगाड़ी और सुनील निवासी सूरत दुबई (यूएई) में है। आरोपी दो साल का बीजा लेकर दुबई गए हुए हैं।

28 एटीएम, 21 सिम कार्ड किए जब्त

एडिशनल एसपी विक्रम सिंह कुशवाहा ने बताया कि कार्रवाई में पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से 21 सिम कार्ड, 28 एटीएम कार्ड, 9 पासबुक, 17 चेकबुक, 5 चेक, 8 मोबाइल, 4 कंपनी के बैनर, 6 सील जब्त की हैं। साथ ही आरोपियों के अलग-अलग खातों में 163 खाता धारकों से करीब 5 करोड़ 25 लाख रुपए जमा कराए गए हैं। संबंधित बैंक के खातों को सील कराया गया है। मामले में बैंक खातों की जांच की जा रही है। धोखाधड़ी कर दुबई भेजते थे पैसा

आरोपी काफी शातिर हैं। उन्होंने धोखाधड़ी के लिए एक एप बना रखा था। ये लोगों से शेयर मार्केट में निवेश के नाम पर पैसे जमा कराते थे एप पर जमा राशि ज्यादा दिखने लगती थी। जिससे फरियादी और पैसा लगा देता था। लेकिन आरोपी उन पैसों को अलग-अलग बैंक खातों व फर्जी कंपनियों के माध्यम से दुबई ट्रांसफर कर देते थे। जहां से वे क्रिप्टोकरंसी (बिटक्वाइन ) के माध्यम से घूमाकर सूरत और गुजरात के अलग-अलग खातों व वॉलेट में ट्रांसफर करा लेते थे। पैसों को हवाला के माध्यम से भी लिया जाता था। मामले की कार्रवाई टीम में साइबर सेल निरीक्षक अनूप सिंह, मोतीनगर टीआई मानस द्विवेदी, एएसआई सोहन मरावी, प्रधान आरक्षक रविंद्र सिंह, आरक्षक अमित, अरुणेंद्र, अखिलेश आदि शामिल थे।

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