सागर जनपद पंचायत में सहायक ग्रेड-3 पद पर पदस्थ सुधीर सिंहा का बड़ा कारनामा उजागर हुआ है। उसने ग्राम पंचायतों के खातों पर रोक लगाने व राशि आहरण नहीं किए जाने के बावजूद चालू कर 45 लाख 53 हजार रुपए निकाल लिए। इतना ही नहीं निलंबित सचिव को निलंबन अवधि में भी पूरा वेतन भुगतान करा दिया। मामला सामने आते ही कलेक्टर दीपक आर्य ने सहायक ग्रेड-3 सुधीर सिंहा को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। निलंबन अवधि में उनका मुख्यालय जनपद पंचायत जैसीनगर तय किया गया है।
निलंबन आदेश के मुताबिक नवगठित नगर परिषद सुरखी में सम्मिलित ग्राम पंचायतों के खातों पर रोक लगाने, राशि आहरण नहीं किए जाने और सभी खातों को बंद करके राशि जनपद के खाते में समायोजित करने संबंधी आदेश दिए गए थे। बावजूद इसके विघटित ग्राम पंचायतों की राशि जनपद के खाते में समायोजित नहीं की गई और अनाधिकृत रूप से तत्कालीन सचिव जो अन्य ग्राम पंचायतों में पदस्थ हो चुके थे, उनके नाम का डोंगल चालू कर 45 लाख 53 हजार 55 रुपए नियम विरुद्ध निकाल लिए गए।
शासन के निर्देश के बगैर कर दिया था एरियर का भुगतान सचिन दुबे तत्कालीन सचिव ग्राम पंचायत जसराज को 23 दिसंबर 2020 से निलंबित किए जाने के बावजूद निलंबन अवधि (लगभग 15 माह) का पूर्ण वेतन भुगतान किया गया। वर्ष 2008 के नियुक्त सचिवों को शासन के बगैर नियम निर्देशों के एरियर की राशि का भुगतान कराया गया। ग्राम पंचायत पामाखेड़ी के तत्कालीन सचिव राकेश दुबे का जनपद पंचायत में संबद्ध होने के बाद भी बगैर सक्षम अधिकारी की अनुमति से डोंगल एक्टिवेट कर 20 लाख 88 हजार 177 रुपए 20 जुलाई 2020 से 29 जुलाई 2020 तक नियम विरुद्ध निकाले गए । शासन की योजना का नहीं किया काम इसके साथ ही शासन की योजनाओं मुख्यमंत्री जन-कल्याण (संबल) योजना, करारोपण, कोर्ट केस, उपभोक्ता फोरम, विधिक सेवा शिविर आदि और वर्तमान में चल रहे मुख्यमंत्री जन सेवा अभियान के सौंपे गए कार्य को नहीं कर बगैर अनुमति के अनाधिकृत रुप से कार्यालय से अनुपस्थित रहने, सचिव अनीता ठाकुर ग्राम पंचायत मझगुवा अहीर को 1 वर्ष का अतिरिक्त समयमान वेतनमान की एरियर राशि करीब 40 हजार रुपए का भुगतान करने, नियम विरुद्ध 51 ग्राम पंचायत सचिवों को मनमाने तरीके से नियुक्ति दिनांक से गणना कर नवीन अनमान का लाभ देने। महेश सिंह सचिव ग्राम पंचायत पड़रिया को बगैर सक्षम प्राधिकारी की स्वीकृति के निलंबन अवधि के स्वत्वों का भुगतान करने का दोषी पाया गया है। इन्हीं अनियमितताएं और पद के दायित्वों में लापरवाही बरतने पर बाबू सुधीर सिन्हा सहायक ग्रेड-3 को निलंबित किया गया है।