मारपीट और संपत्ति को क्षति पहुचाने वाले आरोपी को 6 माह का सश्रम कारावास और अर्थदण्ड
सागर । मारपीट एवं संपत्ति को क्षति पहुॅंचाने वाले आरोपी नरेन्द्र पिता मिहीलाल अहिरवार थाना-खुरई को न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी, खुरई जिला-सागर आरती आर्य की न्यायालय ने दोषी करार देते हुये आरोपी को भा.द.वि. की धारा-327 के अंतर्गत 06 माह का सश्रम कारावास एवं 500/- अर्थदण्ड एवं धारा-427 के अंतर्गत 500/-रूपये अर्थदण्ड की सजा से दंडित किया है मामले की पैरवी सहायक जिला अभियोजन अधिकारी श्री अनिल अहिरवार ने की ।
घटना संक्षिप्त में इस प्रकार है कि फरियादी एरिया प्रोजेक्ट मैनेजर संजीव शर्मा ने रिपोर्ट लेख कराई कि दिनॉक 14.06.2012 को ग्राम-गोलनी बस स्टैड का रोड का काम चल रहा था फरियादी एवं ऑपरेटर प्रवीण कुमार , टेªक्टर ड्राइवर बिट्टु मौके पर थे । ग्राम-गोलनी के सरपंच का लकड़ा नरेन्द्र अपनी मोटर साइकिल से आया बोला कि किसका काम चल रहा है फरियादी ने कहा कि तोमर कंस्ट्रक्शन कंपनी का काम चल रहा है जो निर्माणाधीन रोड पर बीचो-बीच मोटर साइकिल खड़ी कर गाली देते हुये बोला कि मै गोलनी संरपंच का लड़का हॅू ।जब तक शराब पीने को कमीशन के रूप मे मुझे पैसे नहीं दोगों तब तक इस रोड पर काम नहीं करने दूॅगा, नरेन्द्र कहने लगा अभी पैसे दो । मैने पैसे देने से मना किया तो एक दम से उसने मेरी गरदन पकड़कर लात-घूसो से मारपीट की । मुझेे गले में खरोच के निशान है मै गिर पड़ा तो मुझे बचाने मैनेजर संजीव, ऑपरेटर प्रवीण , टेªक्टर ड्राइवर बिट्टु दौड़े तो उनको भी उसने गर्दन पकड़कर मारपीट की, सभी को चोटें आई । फिर वह लोहे का वका लेकर मारने दौड़ा तो सभी लोग लिपट गये तो वह छूटकर अपनी मोटर साइकिल उठाकर जाने लगा और धमकी देते हुये कहने लगा कि उसके कमीशन के पैसे नहीं दोगे तो इस रोड पर काम नही करने देगा, जान से खत्म कर देगा, मारपीट में मोबाइल भी गिर गया था ट्रेक्टर में भी तोड़-फोड़ की थी । फिर विभाग के इंजीनियर को सूचना देकर रिपोर्ट की गई । थाने पर प्रकरण पंजीबद्ध कर मामला विवेचना में लिया गया विवेचना के दौरान साक्षियों के कथन लेख किये गये ,घटना स्थल का नक्शा मौका तैयार किया गया , नुक्सानी पंचनामा तैयार किया गया एवं अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित कर थाना-खुरई द्वारा धारा- 294,506 भाग-2,327, 427 भादवि, 25(1)(बी) आर्म्स एक्ट एवं 146/196 मो.व्ही.एक्ट का अपराध आरोपी के विरूद्ध दर्ज करते हुये विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में पेश किया। विचारण के दौरान अभियोजन द्वारा अभियोजन साक्षियों एवं संबंधित दस्तावेजों को प्रमाणित किया गया, अभियोजन ने अपना मामला संदेह से परे प्रमाणित किया।
जहॉ विचारण उपरांत न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी, खुरई जिला-सागर आरती आर्य की न्यायालय ने आरोपी को भा.द.वि. की धारा-327 के अंतर्गत 06 माह का सश्रम कारावास एवं 500/- अर्थदण्ड एवं धारा-427 के अंतर्गत 500/-रूपये अर्थदण्ड की सजा से दंडित किया है ।