सागर में बंडा थाना क्षेत्र के तीन साल पुराने हत्या के मामले में अदालत ने बुधवार को फैसला सुनाया है। प्रकरण की सुनवाई अपर सत्र न्यायाधीश आरपी मिश्र की कोर्ट में हुई। न्यायालय प्रकरण में सुनवाई करते हुए आरोपी मोनू उर्फ मोनेस रैकवार को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास और 7 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है। शासन की ओर से प्रकरण में पैरवी
सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी ताहिर खान ने की। अभियोजन मीडिया प्रभारी ने बताया कि 21 फरवरी 2019 को फरियादी चंदाबाई ने बंडा थाने में शिकायत दर्ज कराई। शिकायत में बताया था कि वह सुबह बर्तन मांझने के लिए गई थी। उसकी बेटी शारदा रैकवार घर पर अकेली थी। जब चंदाबाई घर लौटकर आई तो आरोपी मोनू रैकवार उसके घर से बाहर निकलकर भागते हुए दिखा। उसने घर के अंदर जाकर देखा तो बेटी शारदा मृत अवस्था में पड़ी थी । गले से खून बह रहा था। उसने शोर मचाया तो आसपास के लोग मौके पर पहुंच गए। सूचना पर बंडा थाना पुलिस मौके पर पहुंची और मामले की जांच शुरू की। शव का पोस्टमार्टम कराया गया। शादी नहीं करने पर देता था जान से मारने की धमकी कथनों में फरियादी ने बताया कि आरोपी मोनू बंडा आता-जाता रहता था। वारदात से दो दिन पहले भी आरोपी मोनू मृतका के घर आया था और बोला था कि उसकी शादी शारदा से करा दो। मैंने मना किया तो आरोपी ने कहा था कि उसकी शादी नहीं कराई तो वह शारदा को जान से मार देगा। इसी के कारण आरोपी मोनू ने ही शारदा की गला काटकर हत्या कर दी है। पुलिस ने आरोपी मोनू के खिलाफ हत्या समेत अन्य धाराओं में प्रकरण दर्ज कर जांच में लिया। आरोपी को गिरफ्तार किया और मामले में जांच पूरी कर चालान कोर्ट में पेश किया। न्यायालय ने प्रकरण में सुनवाई शुरू की सुनवाई के दौरान अभियोजन ने साक्षियों और प्रकरण से संबंधित दस्तावेज पेश किए। मामले में दोनों पक्षों को सुनने के बाद साक्ष्यों और दलीलों के आधार पर कोर्ट ने आरोपी मोनू को दोषी पाया। न्यायालय ने फैसला सुनाते हुए आरोपी मोनू को उम्रकैद की सजा सुनाई है।