सागर। गला दबाकर हत्या करने वाले इस आरोपी को कठोर सजा मुक़र्रर हो गयी

गला दबाकर हत्या करने वाले आरोपी को आजीवन कारावास

सागर। अष्टम अपर सत्र न्यायाधीश अब्दुल्लाह अहमद सागर के न्यायालय ने तौलिया से गला दबाकर अभय सिंह की हत्या करने वाले अभियुक्त राजेश उर्फ रामसिंह पिता भोलाराम प्रजापति उम्र 42 साल निवासी पथरिया जिला दमोह को दोषी पाते हुए आजीवन कारावास की सजा से दंडित करने का आदेश दिया। राज्य शासन की ओर से पैरवी अपर लोक अभियोजक रामबाबू रावत ने की।
मामला इस प्रकार है कि इतवारी टौरी सागर निवासी अभयसिंह दिनांक-13.02.2021 को अपने घर पर अभियुक्त राजेश उर्फ रामसिंह प्रजापति के साथ कमरे में बैठकर खाना पीना कर रहे थे और शराब पी रहे थे। वही पर अभियुक्त ने अभयसिंह की तौलिया से गला दबाकर हत्या कर दी। फरियादी जितेन्द्र राजपूत की भाभी उसके कमरे में आई और कहा कि राजेश प्रजापति उससे बोलकर गया कि उसने अभय को गला दबाकर सुला दिया है वह अब कभी नहीं उठेगा ऐसा कहकर राजेश वहां से चला गया। जितेन्द्र ने अपने कमरे में जाकर देखा तो मृतक अभय अपने मुंह से कुछ बोल नहीं रहा था, उसके गले में लाल निशान थे और नाक से खून वह रहा था। उसके बाद फरियादी ने अपनी भाभी और पड़ोसी को साथ लेकर अभय सिंह को जिला अस्पताल लेकर गया वहां डॉक्टर ने अभय का मृत घोषित कर दिया। फरियादी की रिपोर्ट पर से थाना मोतीनगर में अभियुक्त राजेश उर्फ रामसिंह के विरूद्ध हत्या का अपराध पंजीबद्ध किया गया। मामले की पड़ताल के दौरान घटनास्थल का नक्शा तैयार किया गया, मौके से एक कांच की बॉटल अंग्रेजी शराब जप्त की गई। घटना के संबंध में गवाहों के बयान दर्ज किये गये। आरोपी राजेश उर्फ रामसिंह को गिरफ्तार कर उससे गवाहों के समक्ष पूछताछ की गई जिसमें उसने तौलिया से अभयसिंह की गला दबाकर हत्या करना कबूला घटना में प्रयुक्त तौलिया को जप्त किया गया। शव परीक्षण करने वाले डॉक्टर की क्वेरी रिपोर्ट में भी मृतक की तौलिया से गला दबाकर मृत्यु होना संभावित पाया गया।

संपूर्ण अनुसंधान उपरांत अभियुक्त के विरूद्ध चालान न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। न्यायालय में विचारण के दौरान अभियोजन ने महत्वपूर्ण साक्ष्य प्रस्तुत किये। न्यायालय द्वारा उभय पक्ष को सुना गया। अभियोजन के द्वारा प्रस्तुत सबूतों और दलीलों से सहमत होते हुए मामले को संदेह से परे प्रमाणित पाये जाने पर न्यायालय द्वारा अभियुक्त राजेश उर्फ रामसिंह प्रजापति को भादवि की धारा 302 के तहत आजीवन कारावास व 2000 रूपये के अर्थदण्ड से दंडित करने का दंडादेश दिनांक-20.09.2022 को पारित किया।

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