सागर जिले के नरयावली थाना अंतर्गत सिलेरा ग्राम में रहने वाला मृतक दीपचंद अहिरवार पेशे से मकान बनाने का काम करता था जब 13 तारीख को मृतक अपना काम करके वापिस अपने ग्राम सिलेरा लौट के आया तो अत्यधिक शराब पिये हुआ था जिस कारण वो अपने घर जाने की वजह सड़क पर ही सो गया जब उसके छोटे भाई ने उसे घर चलने के लिए कहा कि थोड़ी देर से आता हूँ पर शराब अधिक पीने के कारण मृतक अपने घर ना जा कर ग्राम के ही यादव के घर पहुच गया तो उस घर के लोगों ने उसे डंडों और लाठी से पीट दिया और उसी रात 13 तारीख मृतक अपने घर से गयाब हो गया जब दूसरे दिन मृतक की माँ नरयावली थाना पहुँच रात की घटना बताई और अपने मृतक हुये दीपचंद अहिरवार की लापता होने की रिपोर्ट दर्ज करानी चाहिए तो नरयावली थाना के स्टाफ ने उस बूढ़ी लाचार औरत को थाना परिसर बिना कोई कार्यवाही करते उसको उधर भाग दिया
घटना 13 तारीख की रात के समय घटित हुई लेकिन दबंग लोगो ने मृतक की पिटाई होने के बाद मृतक दीपचंद अहिरवार की लाश एक खेत में साड़ी गली अवस्था में मिली अगर ग्रामवासियों की माने और मृतक के छोटे भाई की बात पर गौर किया जाय तो जंहा पर मृतक दीपचंद की लाश मिली उस फेंसिंग में खेत मालिक ने रात के समय फेंसिंग में करेंट छोड़ देते हैं और मृतक दीपचंद अहिरवार दबंगों की पिटाई के कारण इस खेत मे घुस गया था पर उसको नही पता चला के इस फेंसिंग में जानवरों को अंदर नही आने के लिए इसमें करेंट की सप्लाई है जब आज दिन में खेत का कर्मचारी गया तो उसने सड़ी गली लाश देखकर पुलिस को सूचना दी और साथ ही ग्राम में बताया मृतक की पहचान दीपचंद अहिरवार के रूप में हुई है फिलहाल पुलिस ने मर्ग कायम कर लिया है और पोस्मार्टम रिपोट का इंतजार कर रही है ये अब जांच के बाद ही पता चल सकता है की मृतक की मौत करेंट से हुई है या अन्य दूसरी वजह से लेकिन नरयावली पुलिस फिर एक बार अपनी कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिन्ह खड़े कर दिये हैं जब इस घटनाक्रम की जानकारी नरयावली पुलिस से लेनी चाही तो उन्होंने ने वरिष्ठ अधिकारियों का हवाला देकर इस घटना पर कुछ भी बोलने से मना कर दिया।