फर्जी नियुक्ति पत्र और मेडिकल लगाकर लोको पायलट बना कोर्ट ने सजा सुना दी
सागर। बीना न्यायालय ने फर्जी नियुक्ति पत्र व मेडिकल लेकर सहायक लोको पायलट की जॉइनिंग करने वाले एक आरोपी को सजा सुनाई है द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश अनिल चौहान ने कूट रचित नियुक्ति पत्र व मेडिकल दस्तावेजों के आधार पर सहायक लोको पायलट की जॉइनिंग करने आये युवक दीपक नागले को 5 वर्ष का सश्रम कारावास और 7 हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया।
इस प्रकरण के मुख्य आरोपी शुभम सेन, भगत सिंह वार्ड बीना को पर्याप्त साक्ष्य न होने पर दोषमुक्त किया है,यह है पूरा मामला अभियोजन अधिकारी डीके मालवीय ने बताया कि घटना 22 जुलाई 209 की है। आरोपी दीपक नागले लोको फोरमैन कार्यालय बीना में फर्जी नियुक्ति पत्र और मेडिकल सर्टिफिकेट के आधार पर सहायक लोको पायलट के पद पर जॉइनिंग करने पहुंचा था। जहां पर पदस्थ अधिकारी व कर्मचारियों को उसके दस्तावेज देखने पर संदेह हुआ और उस संदेह के आधार पर आरोपी को दूसरे दिन आकर ज्वाइन करने के लिए कहा। दीपक नागले की ओर से प्रस्तुत सभी दस्तावेजों को वैरिफिकेशन करने के लिए भोपाल अपने वरिष्ठ अधिकारियों को टीआरओ ऑफिस भोपाल भेजा गया। भोपाल में उक्त दस्तावेजों का वैरिफिकेशन हुआ, जिसमें वह दस्तावेज फर्जी पाए गए, जब दूसरे दिन आरोपी आया तो उसे भोपाल की आरपीएफ विजिलेंस टीम ने पूछताछ की और पूछताछ करने के बाद दीपक नागले को नियुक्ति पत्र व मेडिकल दस्तावेज के साथ थाना जीआरपी बीना को सौंप दिया गया,जीआरपी बीना ने उक्त अपराध पंजीबद्ध कर न्यायालय के समक्ष अभियोग पत्र प्रस्तुत किया, न्यायालय ने विचारण के दौरान अभिजन की ओर से प्रस्तुत किए गए साक्ष्य पर विश्वास करते हुए व अभियोजन के तकों से सहमत होते हुए आरोपी दीपक नागले को धारा 420, 467, 468 में 5-5 वर्ष के सश्रम कारावास और 2-2 हजार के अर्थदंड से दंडित किया। साथ ही धारा 47 में वर्ष के कारावास व 000 के अर्थदंड से दंडित किया। इस मामले के मुख्य आरोपी शिवम सेन निवासी भगत सिंह वार्ड बीना को अनुसंधान के दौरान अनुसंधान अधिकारी के ओर से पर्याप्त साक्ष्य एकत्रित न करने पर साक्ष्य के अभाव में दोषी नही पाया ।