होम मध्यप्रदेश सागर / बुंदेलखंड राजनीति अपराध / क्राइम रिपोर्ट धर्म/अध्यात्म सोशल भारत स्पोर्ट्स खाकी

जेलर सहित चार को 5-5 वर्ष का सश्रम कारावास

अतिरिक्त न्यायाधीश पन्ना अमिताभ मिश्रा का फैसला,जेलर सहित चार जेलकर्मियों को 5-5 वर्ष का सश्रम कारावास पन्ना संवाददाता–/मामला जिला जेल पन्ना से ...

विज्ञापन
Photo of author

Gajendra Thakur

Post date

Updated on:

| खबर का असर

अतिरिक्त न्यायाधीश पन्ना अमिताभ मिश्रा का फैसला,जेलर सहित चार जेलकर्मियों को 5-5 वर्ष का सश्रम कारावास

पन्ना संवाददाता–/मामला जिला जेल पन्ना से वर्ष 2010 में एक कुख्यात सजायाफ्ता बदमाश डब्बू उर्फ सुजीत त्रिपाठी के फरार होने के मामले में प्रथम अतिरिक्त न्यायाधीश पन्ना अमिताभ मिश्रा ने तत्कालीन जेलर अशोक कुमार तिवारी व तीन प्रहरियों को दोषी मानते हुए कल 5-5 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई है, न्यायालय ने जेलर समेत चारों अभियुक्तों को सुनियोजित तरीके से बंदी डब्बू त्रिपाठी को जेल से भागने में मदद करने का दोषी ठहराया है

RNVLive

अभियोजन की ओर से मामले की पैरवी करने वाले विशेष लोक अभियोजक जीतेन्द्र सिंह बैस का कहना है कि प्रथम अतिरिक्त न्यायाधीश पन्ना अमिताभ मिश्रा द्वारा मंगलवार शाम सुनाये गये अपने फैसले में मामले के आरोपी तत्कालीन जिला जेल पन्ना के जेलर अशोक कुमार तिवारी, मुख्य प्रहरी गुलबदन खान व दो प्रहरियों शदाकत अली तथा हबीब खान को दंण्डित बंदी के फरार होने में सहयोग करने के लिये दोषी ठहराते हुए चारों आरोपियों को आईपीसी की धारा 222 सह पठित धारा 120बी के अंतर्गत पांच-पांच वर्ष का सश्रम कारावास व पांच-पांच हजार रूपये के अर्थदण्ड से दंण्डित किये जाने के साथ साथ धारा 223 के अंतर्गत भी दो-दो वर्ष के सश्रम कारावास व पांच-पांच हजार रूपये के अर्थदण्ड से दंण्डित किया गया है। विशेष न्यायालय पन्ना के सत्र प्रकरणों में दण्डित किये गये आरोपी डब्बू उर्फ सुजीत त्रिपाठी को उसकी दी गई सजाएं भुगताये जाने हेतु उप जेल पन्ना के सुपुर्द किया गया था। जहां से वह 6 एवं 7 फरवरी 2010 की दरम्यानी रात आश्चर्यजनक तरीके से फरार हो गया था

इस घटना को लेकर जेल प्रशासन द्वारा दर्ज कराई गई प्रथम सूचना पर हुई जांचों के बाद कोतवाली पन्ना पुलिस ने तत्कालीन जेलर अशोक कुमार तिवारी सहित मुख्य प्रहरी गुलबदन व प्रहरी शदाकत अली तथा हबीब खान के साथ-साथ जेल से भागे बंदी डब्बू उर्फ सुजीत त्रिपाठी के विरूद्ध अपराध पंजीबद्ध करते हुए विवेचना उपरांत न्यायालय में चालान प्रस्तुत किया गया। प्रकरण के विचारण के दौरान न्यायालय के समक्ष अभियोजन की ओर से प्रस्तुत साक्ष्यों एवं साक्षियों के कथनों के आधार पर विद्वान न्यायाधीश ने मामले के आरोपी जेलर अशोक कुमार तिवारी व तीनों जेल कर्मियों को दोष सिद्ध ठहराते हुए उक्त दण्डादेश पारित किया गया है। गौरतलब है कि न्यायालय से दण्डित होने के बाद पूर्व जेलर व जेल प्रहरियों को पन्ना के समीप पुरूषोत्तम स्थित उसी जिला जेल में सजा काटने भेजा गया है,जहा कभी यह ड्यूटी किया करते थे !

Total Visitors

6189733