सामूहिक बलात्कार के इन चार आरोपियों को सागर न्यायालय ने सुनाई आजीवन करावास की सजा

सागर। न्यायालय-श्रीमती ज्योति मिश्रा, विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट) एवं नवम अपर सत्र न्यायाधीश सागर के न्यायालय ने 4 आरोपीगण नरेन्द्र पिता अजुद्दी अहिरवार उम्र 28 वर्ष, मोतीलाल पिता स्व. मुन्नालाल सौर उम्र 25 वर्ष, प्रदीप पिता रतन सौर उम्र 33 वर्ष एवं नौनीराम पिता भीकम सौर उम्र 22 वर्ष सभी निवासी थाना अंतर्गत केंट जिला सागर को धारा 376(डी)(ए) भादवि के मामले में दोषी पाते हुए आजीवन कारावास एवं 10-10 हजार रूपये तथा धारा 323/34, 341, 506(2) में 1-1 वर्ष का कठोर कारावास व अर्थदण्ड से दंडित किया गया। राज्य शासन की ओर से पैरवी विशेष लोक अभियोजक/अति. जिला लोक अभियोजन अधिकारी धर्मेन्द्र सिंह तारन ने की।
घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि दिनांक 01.03.2019 को अभियोक्त्री ने थाना केंट में इस आशय की रिपोर्ट लेख करायी कि दिनांक 01.03.2019 को दिन के करीब 01ः30 बजे वह अपने रिश्ते के नाना के साथ उनकी मोटरसाईकिल पर बैठकर जा रही थी कि रास्ते मे मंदिर मिला तो दोनों लोग गाड़ी खडी करके दर्शन करने पैदल जाने लगे तभी रास्ते में करीब 2ः30 बजे चार अज्ञात व्यक्ति मिले। चारों व्यक्ति रास्ता रोककर खडे़ हो गये और पूछने लगे की कहां जा रहे हो तभी उनमें सेे एक व्यक्ति, अभियोक्त्री का हाथ पकड़कर खींचने लगा तो अभियोक्त्री के नाना ने उसे मना किया तो अन्य तीनों व्यक्तियों ने उसके नाना को पकड़कर कपड़े से बांध दिया एवं सभी ने कुल्हाड़ी एवं डंडे से मारपीट की जिससे उन्हे चोटें आईं। सभी अज्ञात व्यक्ति, अभियोक्त्री को पकड़कर जंगल में ले जाने लगे, अभियोक्त्री के विरोध करने पर आरोपीगण ने अभियोक्त्री के साथ मारपीट की जिसमें उसेे चोटें आईं और फिर सभी आरोपीगण ने बारी-बारी से बलात्कार किया और जान से मारने की धमकी देकर वहां से भाग गए। अभियोक्त्री की उक्त रिपोर्ट के आधार पर थाना केंट में अज्ञात आरोपियों के विरूद्ध अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। विवेचना के दौरान अभियोक्त्री का मेडीकल परीक्षण कराया गया, अभियोक्त्री व उसके नाना के धारा 164 दप्रसं के कथन लेखबद्ध कराये गये। विवेचना उपरांत अभियोग पत्र माननीय न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया। जहां अभियोजन ने महत्वपूर्ण तर्क प्रस्तुत किये। माननीय न्यायालय द्वारा उभय पक्ष को सुना गया। न्यायालय द्वारा प्रकरण के तथ्य परिस्थितियों एवं अपराध की गंभीरता को देखते हुए एवं अभियोजन के तर्कों से सहमत होकर आरोपीगण नरेन्द्र, मोतीलाल, प्रदीप एवं नौनीराम को धारा 376(डी)(ए) के मामले में दोषी पाते हुए आजीवन कारावास एवं 10000 रूपये के अर्थदण्ड से दंडित किया गया।

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