गहरा जन सरोकार है आचार्य महेश त्रिपाठी की रचनाओं में डॉ. शरद सिंह
काव्य संग्रह सोंधी माटी का विमोचन एवं अभिनंदन समारोह संपन्न
सागर। कविता जब जीवन से जुड़ी बुनियादी समस्याओं को सामने रखती है तो उसकी महत्ता स्वयं बढ़ जाती है कविता संग्रह सोंधी माटी ऐसा सामाजिक काव्य है जिसमें आचार्य पंडित महेश दत्त त्रिपाठी की रचनाएं आमजन की आवाज बन गई है जिससे कविताओं का भाव पक्ष अत्यंत प्रबल एवं सषक्त हो उठा है। अपनी रचनाओं में जहां वे देश, धर्म और अध्यात्म की बातें करते हैं वहीं वे शहर की समस्याओं की खुल कर चिंता करते हैं इससे पता चलता है की कवि का जनसरोकार कितना गहरा और विस्तृत है। उक्त विचार श्यामलम एवं त्रिपाठी परिवार के संयुक्त तत्वाधान में प्रख्यात कहानीकार बनमाली सृजन पीठ की अध्यक्ष डॉ सुश्री शरद सिंह ने अध्यक्षीय आसंदी से आचार्य पंडित महेश दत्त त्रिपाठी की प्रथम कृति सोंधी माटी के विमोचन एवं उनकी 40 साल की शासकीय सेवा प्राचार्य से सेवानिवृत्ति के भव्य आयोजन में व्यक्त किये। प्रारंभ में अतिथियों विधायक नरयावली प्रदीप लारिया, एसवीएन के कुलपति डॉ अनिल तिवारी, पूर्व मंत्री नारायण कबीरपंथी, ए.आईजी जे के दीक्षित सहित सारस्वत वक्ता टीकाराम त्रिपाठी, रीवा के रजिस्ट्रार डॉ रत्नेश भदौरिया, समीक्षक ज ला राठौर प्रभाकर एवं कृतिकार एम डी त्रिपाठी ने श्री गणेश, मां सरस्वती का पूजन अर्चन कर दीप प्रज्वलन किया एवं ब्रह्मलीन पंडित जगन्नाथ प्रसाद शास्त्री, श्रीमती वीनादेवी के चित्र पर पुष्प माला पहनाई, सरस्वती वंदना स्तुति खम्परिया ने सस्वर गायन कर दर्शकों का मन मोह लिया स्वागत भाषण में मंच संचालन डॉ. नलिन जैन ने किया। स्वागत भाषण में श्यामलम अध्यक्ष उमाकांत मिश्र ने कहा कि महेश त्रिपाठी की काव्य संग्रह के विमोचन एवं सम्मान से हम अभिभूत हैं डॉ. अनिल तिवारी ने कहा कि पंडित त्रिपाठी एक सामाजिक, धार्मिक आस्था के व्यक्तित्व के धनी हैं प्रारम्भ से ही मैं उनके कृतित्व से परिचित हूं वह एक उत्कृष्ट शिक्षक, कवि, समाजधर्मी हैं। विधायक प्रदीप लारिया ने कहा कि त्रिपाठी ऐसे विरले शिक्षक है जिन्हें दलाई लामा जी एवं बहुगुणा जी जैसे महापुरुषों ने सम्मानित कर सागर का मान बढ़ाया है मैंने अपने राजनीतिक जीवन में ऐसा सफल कुशल मंच संचालक वाणी भूषण नहीं देखा उनकी कृति समाज का मार्ग प्रशस्त करेगी। रीवा से पधारे रजिस्ट्रार डॉ रत्नेश भदौरिया ने कहा कि मेरे मित्र महेश त्रिपाठी ने मिट्टी बचाओ आंदोलन के प्रणेता डॉ सदगुरु वासुदेव जग्गी पर अपनी सशक्त लेखनी चलाकर एवं विनोबा की भूदान आंदोलन पर काव्य सृजन कर अनुकरणीय कार्य किया है वे बधाई के पात्र हैं पूर्व मंत्री नारायण कबीरपंथी ने कहा कि निवर्तमान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के भोपाल एवं सागर आगमन पर मैंने श्री त्रिपाठी को सदगुरु कबीर का सच्चा अनुयायी देखा उन्हें कोविंद जी ने 2008 में प्रशस्ति पत्र भेंट कर सम्मानित किया था एवं इनकी ओजस्वी वाणी एवं मिलन सरिता एवं सहयोगी भावना का कायल हूं उदार चरित्र नाम तू वसुधैव कुटुंबकम की भावना को त्रिपाठी ने चरितार्थ कर जन-जन के चहेते बने हैं सारस्वत वक्ता टीकाराम त्रिपाठी ने कहा कि एक भाई के नाते आशीर्वाद देते हुए महेश का सम्मान करता हूं महेश की कविताएं अनुभवों से उपजी जीवन की गहन पिपासा को अल्पायु से समझ कर लिखी जीवन साधना का सार्थक पक्ष है। योगाचार्य विष्णु आर्य ने कहा कि त्रिपाठी वर्षों से योग साधक, धर्मनिष्ठ एवं कर्मनिष्ठ हैं इनके शब्द संजीवनी के समान प्रतिक्रियात्मक चैतन्य शक्ति प्रदान करते हैं। हरगोविंद विश्व ने बुंदेली गीत पेंशन में बैठ गए मेरे सैयां कविता सुनाते हुए काव्य संग्रह सोंधी माटी को देशभक्ति का अप्रतिम संग्रह बताया जिसमें प्रेममय स्वर, भविष्य का आकर्षण और परम तत्व के प्रति समर्पण है डॉ. कमला नायक खुरई ने कहा कि 25000 बालसभाओं का आयोजन कर्तव्य परायणता वेद वेदांग का अध्ययन कर मेरे भाई महेश ने बुंदेलखंड में पृथक पहचान बनाई है। पंडित महेश त्रिपाठी ने कहा कि मुझे अपने जीवन में घटित घटनाओं से ही कविता लिखने की प्रेरणा मिली। समीक्षक डॉ ज ला राठौर प्रभाकर ने पुस्तक समीक्षा करते हुए कहा कि महेश त्रिपाठी ने अपनी 37 रचनाओं में सशक्त लेखनी से सामाजिक समस्याओं को उजागर करते हुए प्रकृति पर्यावरण एवं योग कर्मयोग, यज्ञ, मानवता, दीनदयाल उपाध्याय, होली, दशहरा, दीपक, किताबें जैसी कविताओं में गहरी अनुभूति और अभिव्यक्ति दी है।
आभार ऋग्वेद त्रिपाठी ने माना इस अवसर पर एकता समिति, सिंधी समाज, श्यामलम, ब्राह्मण महासंस्था आदि संस्थाओं ने उन्हें अभिनंदन पत्र दिए जिनका वचन डॉ आशीष ज्योतिषी ने किया। इस अवसर पर डॉ गजाधर सागर, वृन्दावन राय सरल, शिव शंकर तिवारी, पप्पू तिवारी, बद्री शुक्ला, कपिल बैशकिया, आर के तिवारी, संजय चौबे लिधौरा, मोती पटेल, अशोक गोपीचंद रैकवार, डॉ रामानुज, वंदना गुप्ता आदि ने त्रिपाठी जी का अभिनन्दन किया।
इस अवसर पर डॉ अरविंद गोस्वामी, पूर्व सांसद दादा लक्ष्मीनारायण यादव, सुबोध मलैया, ऋषभ भारद्वाज दामोदर अग्निहोत्री, सेठ सुरेश जैन, रामकुमार तिवारी, जी आर बाजपेयी, सुधांशु चौबे, स्वतंत्र संतोष गौतम, के सी तिवारी, पी आर मलैया, मुकेश तिवारी, बीएमसी के डीन डॉ आर एस वर्मा, डॉ आशुतोष गोस्वामी, डॉक्टर महेंद्र प्रताप तिवारी, एचपी कुर्मी, एम पी सोनी, सीता विनोद मिश्रा, ऋचा रोहित तिवारी, पंडित सनत खम्परिया, आदर्श दुबे, डॉ अशोक कुमार तिवारी, कैलाश तिवारी, वीरेंद्र प्रधान, डॉ आशीष द्विवेदी, के एल तिवारी, अशोक सुंदरानी, चम्पक भाई, राशिद भाई सहित अनेक संस्थाओं एवं व्यक्तियों ने त्रिपाठी जी को सम्मानित किया।