स्वच्छ सर्वेक्षण 2022: नागरिकों की सहभागिता से ही मिलेंगे अच्छे नंबर, निगमायुक्त ने वार्डो में देखें सफाई के हाल

स्वच्छ सर्वेक्षण 2022: नागरिकों की सहभागिता से ही मिलेंगे अच्छे, निगमायुक्त ने वार्डो में देखें सफाई के हाल

सागर। नगर निगम द्वारा स्वच्छ सर्वेक्षण 2022 को लेकर की गई तैयारियों की नगर निगम आयुक्त आर पी अहिरवार सहित निगम के सहायक आयुक्त, इंजीनियरों और जोन प्रभारियों द्वारा लगातार मॉनीटरिंग की जा रही है ताकि विभिन्न मानकों पर तय किये गये नम्बरों में कमी ना आये क्योंकि पिछले वर्ष निगम केवल थोड़े से नम्बरों के अंतर से 3 स्टार रैकिंग से चूक गया था और 1 स्टार रैकिंग मिली थी इसलिये पिछले वर्ष की छोटी सी छोटी कमी में सुधार करते हुये तैयारियॉं की गई है ताकि शहर को अच्छी रैकिंग प्राप्त हो सके।
इसी क्रम में नगर निगम आयुक्त आर पी अहिरवार प्रतिदिन अन्य अधिकारियों, इंजीनियरों और जोन प्रभारियों के साथ प्रतिदिन प्रातः वार्डो का पैदल भ्रमण कर स्वच्छ सर्वेक्षण की तैयारियों और किये जाने वाले कार्यो का जायजा ले रहे है वही ग्राउण्ड जीरों पर पहुॅचकर वार्डवासियों को स्वच्छता के प्रति समझाईस भी दे रहे है।
उन्होने शहर के पुरव्याऊ, चकराघाट और बरियाघाट का दौरा किया जहॉ पुरव्याऊ में पानी की टंकी के नीचे बने 6 आर और दीवार की गई चित्रकारी को देखा तथा सफाई दरोगा को निर्देष दिये कि वार्ड ऊॅचाई पर बसा होने के कारण यहॉ की नालियों की समय-समय पर सफाई कराते रहे ताकि पानी आसानी से नीचे की ओर बह जायेगा उन्होने बरियाघाट और चकराघाट वार्ड का भी निरीक्षण कर वहॉ भी नाले / नालियों की सफाई करते रहने तथा नालियों या सार्वजनिक स्थानों पर कचरा आदि डालने वाले नागरिकों / दुकानदारों को चिन्हित कर उनका स्पॉट फाइन करने के निर्देष दिये।
कचरा निष्पादन में जनता की सहभागिता जरूरी: भ्रमण के दौरान निगमायुक्त श्री अहिरवार ने वार्डवासियों एवं दुकानदारों से भी चर्चा की और उन्हें समझाया कि इस बार स्वच्छ सर्वेक्षण 2022 में विभिन्न कैटीगरियों में अलग-अलग नम्बर निर्धारित किये गये है इसलिये कचरे का निष्पादन के लिये निगम के साथ जनता की सहभागिता भी जरूरी है इसलिये निगम द्वारा सूखे और गीले कचरे को अलग-अलग एकत्रित करने हेतु आप घरों में अलग-अलग डस्टबिन रखकर उसमें एकत्रित कर कचरा गाड़ी में बने गीले और सूखे कचरे के बाक्स में डाले जबकि नागरिकों द्वारा अपने घरों से निकलने वाले गीले कचरे से मटका खाद बनाकर उसका घरों के फूल पौधों में उपयोग कर सकते है वर्तमान में शहर के विभिन्न वार्डो में 8 हजार घरों में गीले कचरे से मटका खाद बनायी जाकर उसका उपयोग घरों में लगे पौधों में किया जा रहा है।
वहीं मैरिज गार्डनों, होटलों और प्रतिष्ठान जहॉ गीले कचरे का उत्सर्जन होता है वहॉ नाडेप पिट बनाकर उसमें खाद बनायी जा रही है और परिसर में निकलने वाले कचरे का निष्पादन परिसर में ही हो रहा है। आगे उन्होने लोगों को समझाया कि अमानक पॉलीथीन का उपयोग ना करे क्योंकि उसे नालियों / नालों में फेंकने से यह चोक होते है क्योकि पॉलीथीन गलती नहीं है इसलिये नागरिकगण अमानक पॉलीथीन के स्थान पर कपड़े से बने थैलों का प्रयोग करें साथ ही नगर को स्वच्छ सर्वेक्षण रैकिंग में अपना और अपने परिचितों का फीडबैक जरूर करें करायें।
भ्रमण के दौरान सहायक यंत्री संजय तिवारी, रोमिल जैन, रेमकी कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर अमित दुबे, आई.ई. अभिनाश यादव, जोन प्रभारी विकास गुरू के साथ अन्य अधिकारी कर्मचारी उपस्थित थे।

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