गौशालाओं को बनाएं आर्थिक गतिविधियों का केंद्र
गौशालाओं में बने उत्पादों को कराएंगे बेहतर बाजार उपलब्ध -कलेक्टर
सागर-
गुरुवार को कलेक्टर दीपक सिंह ने गौशालाओं के संचालन तथा वहां बनाए जा रहे उत्पादों एवं उनकी बिक्री के संबंध में जानकारी लेते हुए कहा कि, हमारा उद्देश्य है कि, गौशालाओं को आर्थिक गतिविधियों का केंद्र बनाएं। स्व सहायता समूह की महिलाओं द्वारा संचालित की जा रही गौशालाओं के माध्यम से विभिन्न ऑर्गेनिक उत्पाद बनाए जा रहे हैं।
कलेक्टर दीपक सिंह ने कहा कि,जिले की सभी गौशालाओं को आत्मनिर्भर बनाने हेतु आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिये गौशालाओं में बनाये जाने वाले उत्पादों का विक्रय, कोआपरेटिव सोसायटी जैसी एजेंसी के माध्यम से किया जाये। जिससे प्रदेश स्तर पर गौशालाओं द्वारा निर्मित उत्पादों की पहचान स्थापित हो सके।
उन्होंने कहा कि, गौशालाओं के माध्यम से वर्मी कंपोस्ट खाद, गौ-कास्ठ, कंडे सहित अन्य सामग्री बनाई जा रही है। इन उत्पादों को बेहतर बाजार उपलब्ध कराने एक कार्य योजना तैयार की जाएगी जिसके तहत सहायता समूह एवं गौशालाएं दोनों आत्मनिर्भर संचालित हो सकी
उल्लेखनीय है कि, कलेक्टर दीपक सिंह जिले की मुख्यमंत्री गौसेवा योजनांतर्गत संचालित 33 गौशालाओं एवं 20 पंजीकृत निजी गौशालाओं के संचालकों को गौशालाओं में उपलब्ध गौवंश के भरण पोषण की अनुदान राशि 1 करोड़ 32 लाख रुपए के चैक वितरण कार्यक्रम में शामिल हुए थे। उन्होंने गौशालाओं की आधारभूत
आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु आवश्यक निर्देश दिए। उन्होंने उपसंचालक पशु चिकित्सा सेवाएं सागर को निर्देश दिए कि गौशाला संचालकों से जानकारी लेते हुए उनकी आवश्यकता अनुसार संसाधन उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें।
इस अवसर पर कलेक्टर दीपक सिंह ने मुख्यमंत्री गौसेवा योजनांतर्गत संचालित गौशालाओं के महिला स्व सहायता समूहों द्वारा निर्मित विभिन्न प्रकार के उत्पादों का अवलोकन किया एवं महिला स्वसहायता समूहों के कार्यों की प्रशंसा की। कार्यक्रम में डा. आर. पी. यादव उपसंचालक पशु चिकित्सा सेवाएं , अनूप तिवारी प्रबंधक (कृषि) आजीविका मिशन एवं जिला गौपालन समिति के प्रभारी बलराम सिंह ठाकुर उपिस्थत थे।