चेन्नई प्राइवेट लिमिटेड के द्वारा घुलनषील उर्वरक एन.पी.के. छच्प्ब् का छिड़काव किया गया
सागर-
कृषि विज्ञान केन्द्र, सागर में गरूडा ऐरोस्पेस, चेन्नई प्राइवेट लिमिटेड के द्वारा तकनीकी टीम द्वारा विभिन्न प्रकार के पेस्टीसाइड एवं घुलनषील उर्वरकों का सोयाबीन एवं अमरूद की फसल पर एग्रीकल्चर ड्रोन द्वारा विषेषकर बायोफर्टीसाॅल एवं घुलनषील उर्वरक एन.पी.के. छच्प्ब् का छिड़काव किया गया। कम्पनी के अनुसार प्रति एकड़ 15 ली. पानी के साथ सन्तुलित उर्वरकों एवं पेस्टीसाइड को अलग-अलग केवल 15 मिनट में एक एकड़ खेत का छिड़काव किया गया। वहीं पर 10 ली. पानी में सन्तुलित मात्रा को मिलाकर प्रति 30 अमरूद के पौधों पर छिड़काव किया गया। जिसका कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा मूल्यांकन एवं प्रभाव देखा जाएगा। इस ड्रोन का मूल्य 6-7 लाख रु. एवं वजन 25 कि.ग्रा. तथा रिमोट कन्ट्रोल द्वारा होने से समय की बचत, पानी की बचत एवं आर्थिक रूप से भी भविष्य में काफी लाभदायक सिद्ध होगा। कम्पनी के अनुसार लगभग 25 एकड़ फसल पर छिड़काव एक दिन में किया जा सकता है। ड्रोन के प्रदर्षन के अवसर पर वैज्ञानिकों के साथ-साथ लगभग 50-60 देषी डिप्लोमा के छात्र एवं किसान उपस्थित थे।
कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिक डाॅ0 के0 एस0 यादव, डाॅ0 एम. पी. दुबे, डाॅ0 ए. के. त्रिपाठी, डाॅ0 ममता सिंह, डाॅ0 वैषाली शर्मा, एवं श्री धर्मन्द्र प्रताप सिंह भी उपस्थित रहें। वैज्ञानिकों का कहना है कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनान्तर्गत बीमा कम्पनी द्वारा जिस तरह क्षति का आँकलन किया जाता है ठीक उसी तरह भविष्य में यदि शासन स्तर से एवं वैज्ञानिक तौर पर ड्रोन से कीटनाषी, रोगनाषी एवं घुलनषील उर्वरकों आदि के छिड़काव के परीक्षण उपरान्त अनुमति प्रदान की जाती है तो निष्चित तौर पर इस तकनीकी से समय की बचत के साथ-साथ मजदूरों की समस्या एवं प्रति हेक्टे. लागत में भी कमी आएगी। विषेषकर इस तकनीकी का उपयोग फलदार वृ़क्षों में काफी उपयोगी सिद्ध होगा।
प्रधान वैज्ञानिक एवं प्रमुख
कृषि विज्ञान केन्द्र, सागर