थाली के ज़ायके के साथ सेहत की सुरक्षा की तैयारी में जुटीं सूमह की महिलायें
सागर –
आजीविका मिशन से जुडे़़ महिला स्वयं सहायता समूहों ने अब अपनी आमदनी को बढ़ाने के साथ साथ लोगों को शुद्ध जा़यकेदार भोजन के स्वाद की तैयारी कर रखी है। बालाघाट के धान की प्रसिद्ध प्रजाति चिन्नौर को अब सागर में भी एंट्री मिल चुकी है। डॉ. इच्छित गढ़पाले के गृह जिले से उनकी मदद से चिन्नौर प्रजाति के धान के बीज बुलाये जाकर सागर जिले में रोपे जाने के लिए नर्सरी में डाले गये हैं। श्रीमती रानी पटैल ग्राम चितौरा, ग्राम खैजरा बुद्धू की रामसखी विश्वकर्मा जो जलधारा स्व. सहायता समूह से जुड़ी ने अपने घर में इन बीजों की नर्सरी बनाई है।
रहली के विकासखण्ड के ग्राम सागौनी बुंदेला में संतोषरानी सीता समूह, बतीबाईराधा समूह, कृष्णारानी ओर सुषमा काछी ने भी इन दानों की नर्सरी तैयार की है। केसली देवरी जैसीनगर विकासखण्डों में बासमती के साथ-साथ विलुप्त प्रजाति के धान जैसे- काला जीरा, जीराफुल, विष्णुभोग, लोहंदी के प्रागुणन का कार्य शुरू किया गया है। समूह की महिलाओं ने गाडरवारा से बुलाये गये अरहर के दानों को भी खेत के चारों और एसपीआई विधि से रोपा है। अनूप तिवारी, जिला प्रबंधक कृषि ने बताया कि सिस्टम ऑफ पिजन पी इंटेंसिफिकेसन अरहर के बोनी की वैज्ञानिक तकनीकि है। इस विधि में अरहर के पौधे अथवा अरहर के दानों को 1 मीटर की दूरी पर लगाया जाता है।
इस विधि में परम्परागत विधि की तुलना में मात्र 215 ग्राम बीज प्रति एकड़ लगता है। प्रति पौधा 600 से 900 ग्राम तक पैदावार देता है। हरीश दुबे, जिला परियोजना प्रबंधक ने बतया कि समूह की महिलाओं ने सुगंधित धान से चावल के पैकिट तैयार करना। मूंग, उड़द, मसूर, चना अरहर की दालें बनाकर बाजार में उतारना। हल्दी धनिया, मिर्च मसालों के पैकिट बनाना लेहसुन, अदरक पेस्ट का पैक बनाना और टमाटर का पाउडर तैयार करना शुरू कर दिया है। इससे लोगों को शुद्धता के साथ-साथ उच्चगुणवत्ता की खादय सामग्री प्राप्त हो सकेगी।
सागर विकासखण्ड में एसआरएम संस्था के प्रदीप जैन के साथ विकासखण्ड की टीम श्रीमती रितु सेन, श्रीमती हेमलता राय, श्रीमती नीलिमा जैन, श्रीमती रोशनी दुबे, रहली विकासखण्ड में न्यूसिड संस्था के अभिषेक रघुवंशी के साथ ऋषिकांत खत्री, मुकेश नामदेव ने अपने नोडल ग्रामों में इन विधियों का एक्सटेंशन किया है।
कलेक्टर, सागर श्री दीपक सिंह का कहना है कि महिला समूहों के माध्यम से विभिन्न खाद्य उत्पादों को प्रसंस्करण करते हुए आजीविका मार्ट पोर्टल के माध्यम से लोगों तक पहुंचाये जाने की पहल है। इससे ग्राहको को शुद्धता तथा उत्पादक महिलाओं को समुचित दाम मिल सकेंगे। डॉ. इच्छित गढ़पाले, मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत सागर का कहना है कि जिले में कृषि उत्पादों के प्रसंस्करण को प्रोत्साहित करते हुए आम ग्राहकों तक गुणवत्ता युक्त माल पहुंचाना और महिला समूहों का क्षमता वर्धन करते हुए बाजार की स्पर्धा का सामना करने के लिए प्रयास किये जा रहे हैं।