कोरोना वारियर डा. सुमित रावत जिनके मार्गदर्षन में 4 लाख से अधिक कोरोना सैम्पल की जांच हुई

कोरोना वारियर डा. सुमित रावत

जिनके मार्गदर्षन में 4 लाख से अधिक कोरोना सैम्पल की जांच हुई

सागर –

कोरोना महामारी की विपरीत परिस्थितियों में लोगों की जान बचाने में डाक्टरों और पैरामेडीकल स्टाफ ने जिस तरह समर्पित भाव अपनी सेवाएं दी वह वंदनीय है। उन्हांने दिन को दिन नही समझा और रात को रात नही समझा। पूरे समय प्राणपण से जुटे रहे। लक्ष्य एक ही था महामारी से लोगों की जान बचाना। उन्होंने अपनी जान की परवाह तक नही की।

  ऐसे ही एक चिकित्सक है डाक्टर सुमित रावत। सागर के बुन्देलखण्ड मेडिकल कॉलेज (बीएमसी) में एसोसिएट प्रोफेसर एवं वायरालॉजी लैब के नोडल अधिकारी के रूप में डा. सुमित रावत पदस्थ है। सप्ताह के सातों दिन और बिना अवकाष के प्रतिदिन 12 घंटे से अधिक कार्य करते है। बीएमसी में वायरालॉजी लैब की स्थापना 12 अपै्रल 2020 को हुई थी। प्रदेष के यह चौथी लेब है। स्थापना से लेकर अभी तक डा. रावत और उनकी टीम द्वारा 4 लाख से अधिक कोरोना सैम्पल की जांच की जा चुकी है। यहां पूरे संभाग से कोरोना के सैम्पल जांच के लिए आते है। लगातार कार्य करने से डाक्टर रावत कोरोना संक्रमित भी हो चुके है। परन्तु ठीक होने पर फिर पूरे जोष से कार्य में जुट गए। जब कोरोना के प्रकरण ज्यादा आ रहे थे। उस दौरान उन्होंने अपने निवास पर स्वयं के लिये अलग कमरा कर लिया था। ताकि परिवार के सदस्य संक्रा्रमण से बचे रहे। उनकी पत्नी डाक्टर निवेदिता रावत स्वयं भी डाक्टर है। डाक्टर रावत ने कॉलेज के आईसीयू के लिये डेढ लाख रूपये के उपकरण भी अपनी ओर से दान में दिये है। ताकि मरीजों को उसका लाभ मिल सके। इसके अलावा मेडीकल कॉलेज में जहां पर भी उनकी आवष्यकता होती है वे सदैव तत्पर रह कर कार्य करते है। डाक्टर रावत कोविड के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिये भी कार्य कर रहे है।

डा. रावत और उनकी टीम डा. नीतू मिश्रा, डा. शोएब खान एवं अन्य सदस्य का यह प्रयास रहता है कि, कोरोना सैम्पल जांच चौदह-पंद्रह घंटे के अंदर हो जाए। अधिकतम 24 घंटे के अंदर तो जांच हो ही जाती है। जिससे मरीज को पता लग जाता है कि उसे कोविड का संक्रमण है या नहीं। उनका कहना है कि जितने जल्दी जांच उतने जल्दी उपचार शुरू हो जाता है। मरीज को जल्दी जांच होने का लाभ मिलता है। जब सागर में वायरालॉजी लैब शुरू हुई थी तब इसमें प्रतिदिन 300 कोविड सैम्पलों की जांच की जाती थी। अब प्रतिदिन 3000  सैम्पलों की जांच की जाती है। पूरे मध्यप्रदेष सागर के लैब जांच के मामले में तृतीय स्थान पर है। मेडीकल कॉलेज की डीन डाक्टर आरएस वर्मा अन्य चिकित्सकगण भी डाक्टर रावत के कार्यों की सराहना करते है।

KhabarKaAsar.com
Some Other News

कुछ अन्य ख़बरें

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: इस पेज की जानकारी कॉपी नहीं की जा सकती है|
Scroll to Top