जल संरक्षण के कार्यों में ग्रामीण जनों की सहभागिता सुनिष्चित करें- जन अभियान परिषद के उपाध्यक्ष उपाध्याय
सागर –
मध्यप्रदेष जन अभियान परिषद के उपाध्यक्ष विभाष उपाध्याय ने अटल भू-जल योजना के अंतर्गत किए जा रहे कार्यों की संभाग स्तरीय समीक्षा बैठक में परिषद के जिला एवं विकासखण्ड समन्वयकों को निर्देष दिए कि जल संरक्षण के कार्यों में ग्रामीण जनों की सहभागिता सुनिष्चित करें। उन्होंने कहा कि सबसे पहले ग्राम सभा की बैठक में अटल भू-जल योजना जानकारी की दें। ग्रामीण जनों को जल संरक्षण के प्रति जागरूक करें। लोगों को जल संरक्षण के अंतर्गत किए जाने वाले कार्यों से अवगत कराएं।
बैठक में जन अभियान परिषद के महानिदेषक बीआर नायडू, संभागायुक्त मुकेष शुक्ला, कलेक्टर दीपक सिंह, कार्यपालिक निदेषक जन अभियान परिषद धीरेन्द्र कुमार पाण्डे, परियोजना निदेषक डा. जितेन्द्र जैन, टास्क मैनेजर प्रवीण कुमार संभाग समन्वयक दिनेष कुमार और संभाग के सागर, दमोह, पन्ना, टीकमगढ़, निवाड़ी तथा छतरपुर जिले के जिला एवं विकासखण्ड समन्वयक मौजूद थे।
विभाष उपाध्याय ने कहा कि चयनित विकासखण्डों में ग्राम पंचायत अंतर्गत अटल भू-जल योजनांतर्गत कार्य किया जाना है। उनकी ग्राम स्तरीय जल सुरक्षा योजना शीघ्रता से तैयार करें। उन्होंने संभागीय समन्वयक को निर्देष दिए कि प्रत्येक सप्ताह कार्यों की वर्चुअली समीक्षा करें।
परिषद के महानिदेषक बीआर नायडू ने कहा कि परिषद द्वारा ग्राम स्तर पर स्वैच्छिक संगठनों एवं सामुदायिक नेतृत्व का नेटवर्क तैयार किया गया। इस नेटवर्क के माध्यम से अटल भू-जल योजना का कार्य प्रभावी रूप से किया जाए। सतही एवं भू-जल की कमी से निकट भविष्य में उत्पन्न होने वाली विषम स्थिति से निपटने के लिए समय रहते इस दिषा में कार्य किया जाना आवष्यक है।
बैठक में बताया गया कि भू-जल संकट से प्रभावित सागर संभाग के 6 जिलों के 9 विकासखण्डों की 672 ग्राम पंचायतों में अटल भू-जल योजनांतर्गत जनभागीदारी से भू-जल स्तर बढ़ाने का कार्य किया जाएगा।
संभागायुक्त मुकेष शुक्ला ने कहा कि ग्राम स्तरीय जल सुरक्षा योजना तैयार करने के लिए संबंधित विभागों का सहयोग मिलेगा। उन्होंने कहा कि जिन विकासखण्डों का भू-जल योजनांतर्गत चयन किया गया है। वहां जल स्तर बढ़ाने के लिए विकासखण्ड स्तर पर कार्यषालाओं का आयोजन किया जाएगा। कुछ कार्यषालाओं में वे स्वयं भी शामिल होंगे। कार्यषाला में जन अभियान परिषद के साथ कृषि, उद्यानिकी, जल संसाधन आदि विभागों के अधिकारी शामिल होंगे। डा. जितेन्द्र जैन ने कहा कि कोविड संक्रमण के कारण अपै्रल और मई माह में कार्य प्रभावित हुआ है। अतः सितबंर माह में लक्ष्य के 60 प्रतिषत ग्राम पंचायतों में जल सुरक्षा योजना तैयार कर ली जाए। शेष 40 प्रतिषत पंचायतों के कार्य सितबंर के बाद किए जाएं।
बैठक में प्रत्येक ग्राम की जल सुरक्षा योजना बनाये जाने के संबंध में पॉवर प्वाईंट प्रेजेंटेषन के माध्यम से शामिल किये जाने वाले विभिन्न बिन्दुओं फसलों, खरीफ, रबी, समर के सिंचाई और जनसंख्या, पशुओं के लिए जल की आवष्यकता, तथा उनके साधन सतही जल और भू-जल की उपलब्धता पर प्रकाष डाला गया। पन्ना जिले में अजयगढ़ विकासखण्ड की ग्राम पंचायत सिंहपुर में बनाए गए वॉटर सिक्योरिटी का प्रेजेन्टेषन भी किया गया। लोगों के जल संरक्षण के अनुकूल व्यवहार परिवर्तन के लिए प्रेरित करने, फसलों का डायवर्सन पर भी जोर दिया गया।