कोरोना संक्रमण की संभावित तीसरी लहर में बच्चों का इलाज चुनौतीपूर्ण, मगर हम तैयार-कमिश्नर शुक्ला

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June 7, 2021

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कोरोना संक्रमण की संभावित तीसरी लहर में बच्चों का इलाज चुनौतीपूर्ण, मगर हम तैयार-कमिश्नर शुक्ला

कोरोना संक्रमण की संभावित तीसरी लहर में बच्चों का इलाज चुनौतीपूर्ण, मगर हम तैयार-कमिश्नर शुक्ला वर्कशॉप में कोविड-19 के लक्षण एवं बचाव ...

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कोरोना संक्रमण की संभावित तीसरी लहर में बच्चों का इलाज चुनौतीपूर्ण, मगर हम तैयार-कमिश्नर शुक्ला

वर्कशॉप में कोविड-19 के लक्षण एवं बचाव पर की गई चर्चा

 सागर –

कोरोना संक्रमण की संभावित तीसरी लहर में बच्चों का इलाज चुनौतीपूर्ण अवश्य रहेगा किंतु हमें उस चुनौती को स्वीकार करते हुए अच्छे से अच्छा इलाज करते हुए बच्चों को स्वस्थ करना है। उक्त विचार संभागायुक्त मुकेश शुक्ला ने संभाग के 6 जिलों के समस्त शिशु रोग विशेषज्ञों एवं चिकित्सकों का बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज के सेमिनार हॉल में आयोजित एक दिवसीय सेमिनार में व्यक्त किए।

 इस अवसर पर बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज के अधिष्ठाता डॉ आर एस वर्मा ,अधीक्षक डॉ सुनील पिप्पल, संयुक्त संचालक स्वास्थ्य सागर संभाग डॉ वीरेंद्र यादव, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ इन्द्राज सिंह सहित समस्त जिलों से आए शिशु रोग विशेषज्ञ एवं चिकित्सक मौजूद थे।

कोरोना संक्रमण की संभावित लहर को देखते हुए बच्चों का इलाज किस प्रकार करना है एवं संक्रमण से बचाने के लिए किस प्रकार व्यवस्था करनी है, इस पर विचार विमर्श कर प्रशिक्षण दिया गया।

संभागायुक्त शुक्ला ने कहा कि बच्चों का इलाज करना चुनौतीपूर्ण अवश्य रहेगा किंतु आप सभी के सहयोग से इस चुनौती को हम अवश्य जीतेंगे। उन्होंने कहा कि संभाग के समस्त जिलों में शिशु वार्ड तैयार किए जाएँ। कोविड-19 के लक्षण और बचाव पर परिचर्चा में शामिल हुए समस्त शिशु रोग विशेषज्ञ एवं चिकित्सकों से कहा कि, हमें कोरोना संक्रमण की संभावित लहर की पूरी तैयारी सुनिश्चित करनी होगी।

बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज के अधिष्ठाता डॉक्टर आरएस वर्मा ने कहा कि शासन के निर्देशानुसार  बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में समस्त आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जा रही हैं । इस अवसर पर  संयुक्त संचालक स्वास्थ्य डॉ वीरेंद्र यादव ,मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी इन्द्राज सिंह ने भी अपने विचार व्यक्त किए ।

शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर शालिनी हजेला ने संभावित तीसरी लहर के बारे में विस्तार से बताया । डॉ शालिनी हजेला ने कहा कि नवजात शिशु का इलाज करना चुनौतीपूर्ण रहता है क्योंकि वह बगैर माँ के नहीं रह पाते। किंतु, माँ की एंटीबॉडी एवं उनके स्तनपान एवं इलाज से नवजात शिशु इस जंग से अवश्य जीतेंगे। इस समय माँ को मास्क पहनना एवं हैंड वॉश करना अत्यंत आवश्यक होगा।

डॉ मधु जैन ने बताया कि, इस वक्त प्रशासन के माध्यम से समस्त शिशु रोग विशेषज्ञों एवं चिकित्सकों को  कोविड-19 गाइडलाइन के अनुसार कार्य करने पर जो परिचर्चा की गई है वह आने वाले समय में मील का पत्थर साबित होगी ।इस अवसर पर डॉ रूपा अग्रवाल, डॉ आशीष जैन ,डॉ अजीत असाटी ने भी अपने विचार रखे।

बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज के अधिष्ठाता डॉ आर एस वर्मा संयुक्त संचालक स्वास्थ्य डॉ वीरेंद्र यादव डॉ मनीष जैन उपस्थित थे।

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