Wednesday, December 10, 2025

सागर में जनसुनवाई बनी जनता की जीवनरेखा ,कलेक्टर की संवेदनशील पहल से बदली सैकड़ों ज़िंदगियाँ

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सागर में जनसुनवाई बनी जनता की जीवनरेखा ,कलेक्टर की संवेदनशील पहल से बदली सैकड़ों ज़िंदगियाँ

सागर। जिले में प्रत्येक मंगलवार को होने वाली जनसुनवाई सिर्फ शिकायत सुनने का माध्यम नहीं, बल्कि लोगों की जिंदगी बदलने वाली उम्मीद बनती जा रही है। कलेक्टर श्री संदीप जी. आर. के संवेदनशील नेतृत्व ने जनसुनवाई को जन-हितैषी और परिणामकारी बनाया है। बीते दिनों की जनसुनवाई में ऐसे कई उदाहरण देखने मिले, जिन्होंने यह साबित कर दिया कि प्रशासन यदि इच्छाशक्ति के साथ काम करे तो आमजन की कठिन से कठिन समस्या भी सरलता से हल हो सकती है।

बबलू रैकवार को मिला आवास, बदली जिंदगी

सागर तहसील के ग्राम भौहारी निवासी बबलू रैकवार वर्षों से प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए प्रयास कर रहे थे। कई आवेदन करने के बावजूद उन्हें आवास स्वीकृत नहीं हो पा रहा था। समस्या लेकर जब वे जनसुनवाई में पहुंचे, तो कलेक्टर ने उनकी बात गंभीरता से सुनी और तत्काल अधिकारियों को समाधान के निर्देश दिए।
अधिकारियों ने बताया कि बबलू का नाम आवास प्लस सूची में पर दर्ज है और मौके पर ही उनका पंजीयन कर दिया गया। जियोटैग उपरांत आवास स्वीकृत कर दिया जाएगा। यह सुनते ही बबलू के चेहरे पर खुशी छा गई। बबलू रैकवार ने कहा कि कलेक्टर साहब की जनसुनवाई ने मेरी जिंदगी बदल दी। अब अपना घर होने का सपना पूरा होगा।

नन्हे लकी को मिला आधार, सुरक्षित हुआ भविष्य

भगवानगंज क्षेत्र के 6 साल के लकी अहिरवार का आधार कार्ड न बन पाने से परिवार बेहद परेशान था। न आँखों की स्कैनिंग संभव हो रही थी, न ही उंगलियों के निशान मशीन में दर्ज हो पा रहे थे। स्कूल में प्रवेश और योजनाओं के लाभ भी आधार के बिना असंभव थे।
कलेक्टर ने इस संवेदनशील मामले को असाधारण प्रकरण मानते हुए तत्काल विशेष प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दिए। परिणामस्वरूप लकी का आधार पंजीयन कराया गया। लकी के पिता ने कहा कि यह सिर्फ आधार नहीं, मेरे बच्चे का भविष्य है। इस पर कलेक्टर का आभार व्यक्त किया।

निःशुल्क आवेदन टाइपिंग से दूर हुए आवेदकों के खर्चे

कलेक्टर ने जनसुनवाई में आने वाले लोगों के लिए निःशुल्क आवेदन टाइपिंग की सुविधा शुरू की। मुख्य गेट पर ही कंप्यूटर और ऑपरेटर तैनात किए गए, जिससे लोगों को बाहर जाकर आवेदन टाइप कराने में होने वाला खर्च और परेशानी से छुटकारा मिला।
देवरी के कमलेश अहिरवार और बीना की प्राची प्रजापति सहित अनेक फरियादियों ने बताया कि अब उन्हें न पैसा खर्च करना पड़ता है और न ही आवेदन बनवाने के लिए इधर-उधर भटकना पड़ता है। अब तक हजारों लोग इस सुविधा का लाभ ले चुके हैं।

दिव्यांगजनों के प्रति संवेदनशीलता कलेक्टर खुद पहुंचते हैं समस्या सुनने

जनसुनवाई के दौरान दिव्यांगजनों की सुविधा के लिए एक अलग कक्ष बनाया गया है, जहाँ उनकी समस्याओं के लिए विशेष रूप से एक सहायक जो दिव्यांगजनों की शिकायतें सुनकर कलेक्टर को अवगत कराता है, ताकि उनकी समस्याओं का त्वरित समाधान हो सके।

जनसुनवाई में जब कलेक्टर ने दिव्यांग व्यक्तियों को देखा, तो वे अपनी कुर्सी छोड़कर स्वयं उनके पास पहुँचे और उनकी समस्याएँ सुनीं। दिव्यांग व्यक्तियों को चलने-फिरने में दिक्कत थी, जिस पर कलेक्टर ने सामाजिक न्याय विभाग को तुरंत व्हीलचेयर उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।

74 वर्षीय रशीद खान को मिली व्हीलचेयर, बढ़ी खुशियाँ

पीली कोठी निवासी 74 वर्षीय दिव्यांग रशीद खान ने जनसुनवाई में व्हीलचेयर की मांग की थी। कलेक्टर के निर्देश पर वहीं मौके पर उन्हें व्हीलचेयर प्रदान की गई। रशीद खान भावुक होकर बोले आज समझ में आया कि जनसुनवाई सचमुच आम जनता के लिए है। आवेदन भी निःशुल्क बना और व्हीलचेयर भी तुरंत मिल गई।

मजदूर बबलू अहिरवार को मिला रुका हुआ वेतन

जनसुनवाई में एक मामला सामने आया कि ईंट भट्टे पर कार्यरत बबलू अहिरवार का, जिन्हें ठेकेदार द्वारा 14,900 रुपये का मेहनताना भुगतान नहीं किया जा रहा था। उन्होंने परिवार सहित जनसुनवाई में उपस्थित होकर अपनी व्यथा रखी। उनकी बात सुनते ही जिला पंचायत के सीईओ श्री विवेक के.व्ही. ने श्रम विभाग को मौके पर ही कार्रवाई के निर्देश दिए।
श्रम निरीक्षक ने तुरंत ठेकेदार से संपर्क किया और प्रशासन की सख्ती के चलते ठेकेदार ने उसी समय पूरा वेतन बबलू को अदा कर दिया। बबलू ने खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि प्रशासन न होता तो हमारी आवाज कब सुनी जाती जनसुनवाई ने हमें न्याय दिलाया। इसके लिए बबलू ने कलेक्टर को धन्यवाद दिया।

कलेक्टर संदीप जी. आर. की जनसुनवाई अब सिर्फ औपचारिक प्रक्रिया नहीं, बल्कि जिले वासियों की उम्मीद है। चाहे आवास का मामला हो, आधार पंजीयन, दिव्यांगजन की मदद हो या निःशुल्क आवेदन सुविधा इन पहलों ने प्रशासन को जनता के और करीब ला दिया है।

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