अंतर्राष्ट्रीय मानव अधिकार दिवस पर वक्ताओं ने तिब्बत में शांति स्थापना पर बल दिया
सागर। प्रति वर्ष अनुसार इस वर्ष भी अंतरराष्ट्रीय मानव अधिकार दिवस पर परम पावन दलाई लामा को नोबेल पुरस्कार मिलने, उनके 90 वर्ष सफलतम पूर्ण करने की खुशी में भारत तिब्बत मैत्री संघ एवं तिब्बत गरम कपड़ा व्यापारी संघ ने एमएलबी स्कूल के समीप एक समारोह में 51दीप प्रज्वलन कर भगवान श्री राम, बुद्ध, महावीर, गुरु नानक देव की पूजा अर्चना तिब्बती परंपरा अनुसार की। मुख्य अतिथि महापौर प्रतिनिधि वरिष्ठ भाजपा नेता डॉ सुशील तिवारी, संरक्षक श्रीमान सेठ सुरेश रश्मि जैन, सारस्वत अतिथि अखिल भारतीय साहित्य सृजन मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंडित महेश दत्त त्रिपाठी, डॉक्टर मनोज श्रीवास्तव, सत्यम बुंदेली संग्रहालय के दामोदर अग्निहोत्री, भारत तिब्बत मैत्री संघ के जिला अध्यक्ष सुबोध मलैया, सिद्धार्थ बौद्ध, सुरेंद्र पंचरत्न का स्वागत तुलसी माला, खाता देकर निमा डोलमा, नोरजिन, तेनजिंग, पाल जोर, शेयरिंग सिरप, डोलमा हल्जोन, कलदें बग्मो ने किया। स्वागत भाषण पूर्व अध्यक्ष फोरवो शेयरिंग ने दिया। महापौर प्रतिनिधि डॉक्टर सुशील तिवारी ने कहा कि दलाई लामा जी शांति सहिष्णुता के प्रेरणा स्रोत है हम प्रयास करेंगे कि कई वर्षों से सागर में तिब्बतियों के व्यापार हेतु एक पृथक से स्थान दिलाकर स्थाई तिब्बती मार्केट बने। इस हेतु नगर निगम में भी में प्रस्तावना शीघ्र होगी भारत तिब्बत मैत्री संघ के महामंत्री आचार्य महेश त्रिपाठी ने दलाई लामा जी के जीवन गाथा सुनाते हुए कहा कि परम पावन करुणा अवतार बौधी सत्व की अभिव्यक्ति हैं। साहित्यकार महेश त्रिपाठी ने 14 वें दलाई लामा को भारत रत्न देने, भारतीय संसद में सा सम्मान आमंत्रित करने, कैलाश मानसरोवर की यात्रा सुगम बनाने भारत सरकार से प्रार्थना की। श्रीमंत सुरेश जैन ने कहा कि गांधी विनोबा के मार्ग पर चलते हुए पूज्य दलाई लामा ने सार्वभौमिक जिम्मेदारी प्रेम करुणा का संदेश सर्वधर्म समभाव की बयार विस्व में बहाई है
डॉ मनोज श्रीवास्तव ने कहा कि दुनिया के सभी प्राणी शांति आनंद की तलाश में है दामोदर अग्निहोत्री ने कहा कि 2000 से अधिक वर्षों तक तिब्बत एक स्वतंत्र देश के रूप में दो एशियाई ताकतवर भारत चीन के मध्य विद्यमान रहा । सन 1949 में चीन ने तिबब्बत पर आक्रमण कर सैन्य सत्ता स्थापित की। सुबोध मलैया ने कहा कि भारत तिब्बत की गहरी सांस्कृतिक धार्मिक संबंध है समाज सेविका रश्मि जैन ने तिब्बत को विश्व की छत बताया। तिब्बतियों ने इस अवसर पर वृद्ध आश्रम में एक स्ट्रेचर दान में दी, भोजन एवं घरौंदा आश्रम में दिव्यांगों के साथ दोपहर का भोजन का प्रबंध किया। मंच संचालन तिब्बती मित्र आचार्य महेश त्रिपाठी ने एवं आभार नियमा डोलमा ने माना। इस समारोह में बौद्ध विहार से सिद्धार्थ बौद्ध, आरपी मिश्रा, मोहित सिंह, भूपेंद्र राठौर, पंडित ऋग्वेद त्रिपाठी, देवी सिंह लोधी, दामोदर अग्निहोत्री, सुबोध मालिया, ममता जी त्रिपाठी, सुरेंद्र पंचरत्न, डॉक्टर एमडी भार्गव, एसके श्रीवास्तव, पवन शर्मा, नीरज बैद्य, ज्ञान सागर कॉलेज की प्राध्यापक स्मृति त्रिपाठी, सौरभ शर्मा, नीरज वैद्यराज, ऋषि कुमार वर्मा, पंडित सनत कुमार खंपारिया, डॉक्टर रिचा त्रिपाठी, जे के दीक्षित सहित अनेक नागरिकों ने तिब्बत की आजादी भारत की सुरक्षा मानव अधिकारों पर विचार व्यक्त किया।


