MP नक्सलवाद से मुक्त, बालाघाट में आखिरी दो नक्सलियों का आत्मसमर्पण,सीएम डॉ. मोहन यादव बोले लाल सलाम को अंतिम विदाई
बालाघाट/भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के मार्गदर्शन में देश को नक्सलवाद से मुक्त करने का जो संकल्प लिया गया है, उसका असर अब जमीन पर दिख रहा है। उन्होंने बताया कि इसी अभियान के तहत मध्य प्रदेश अब पूरी तरह नक्सलवाद से मुक्त हो चुका है और 11 दिसंबर का दिन प्रदेश के इतिहास में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि के रूप में दर्ज होगा।
गुरुवार को मुख्यमंत्री डॉ. यादव की भोपाल से वर्चुअल मौजूदगी में बालाघाट जिले में सक्रिय बचे आखिरी दो नक्सली दीपक उइके और रोहित ने आत्मसमर्पण कर दिया। इसके साथ ही राज्य में नक्सली गतिविधियों का अंत हो गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस और सुरक्षा बलों के साहस, सतत कार्रवाई और बलिदान के कारण बालाघाट की धरती से ‘लाल सलाम’ को अंतिम विदाई दी जा सकी।
मुख्यमंत्री के अनुसार, बीते 42 दिनों के भीतर मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ से जुड़े एमएमसी जोन में कुल 42 इनामी नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है, जिन पर 7 करोड़ 75 लाख रुपये का इनाम घोषित था। यह देश में नक्सलवाद के खिलाफ चलाए जा रहे संयुक्त अभियान की बड़ी सफलता मानी जा रही है।
डॉ. यादव ने बताया कि आज़ादी के बाद पहली बार केंद्र सरकार के नेतृत्व में नक्सलवाद और माओवाद के खिलाफ एक संगठित और निर्णायक अभियान चलाया गया है। इस अभियान के लिए 26 जनवरी 2026 की समय-सीमा तय की गई है, जिसके तहत नक्सलियों के सामने या तो मुख्यधारा में लौटने का रास्ता है या फिर कानून का सामना करना।
2025 नक्सल विरोधी अभियान के लिए ऐतिहासिक वर्ष
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2025 में अब तक 10 नक्सलियों को मुठभेड़ में मार गिराया गया, जबकि 13 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया। यह पिछले 21 वर्षों में सबसे बड़ी उपलब्धि है। अब प्रदेश में सक्रिय सभी नक्सली कैडरों को समाप्त कर दिया गया है।
विकास की राह से हटी सबसे बड़ी बाधा
डॉ. यादव ने कहा कि नक्सलवाद के खत्म होने से मंडला, डिंडोरी और बालाघाट जैसे जिलों में विकास की राह में आने वाली बड़ी रुकावट दूर हो गई है। पहले डिंडोरी, फिर मंडला और अब बालाघाट से नक्सलवाद का सफाया हुआ है। सरकार का लक्ष्य है कि इन क्षेत्रों को विकास की मुख्यधारा से जोड़ते हुए माओवाद को दोबारा पनपने न दिया जाए।
शहीदों को नमन, बलिदान को किया याद
मुख्यमंत्री ने नक्सल विरोधी अभियान में शहीद हुए 38 पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि मोहनलाल जखमोला, प्रेम सिंह रावत, तारकेश्वर पांडे, अमलानंद कोटवाला, जगपाल सिंह, मोतीलाल नरवरिया, रामचरण, रविंद्र नाथ द्विवेदी, देवेंद्र कुमार, गंगा प्रसाद मिश्रा, कन्हैयालाल सहित अन्य शहीदों के बलिदान को प्रदेश कभी नहीं भूलेगा।
आत्मसमर्पण करने वालों को मिलेगा नया जीवन
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने स्पष्ट किया कि आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को राज्य की सरेंडर पॉलिसी के तहत पुनर्वास, सुरक्षा और नए जीवन के सभी आवश्यक प्रावधान उपलब्ध कराए जाएंगे, ताकि वे समाज की मुख्यधारा में सम्मानजनक जीवन जी सकें।
सुरक्षा बलों और प्रशासन को बधाई
मुख्यमंत्री ने नक्सल मुक्त अभियान में शामिल केंद्रीय सशस्त्र बलों, मध्य प्रदेश पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को इस सफलता के लिए बधाई दी और कहा कि यह उपलब्धि सामूहिक प्रयास और अनुशासन का परिणाम है।


