ढाना हवाई पट्टी पर बड़ा हादसा टला: ट्रेनी विमान रनवे से उतरा, पायलट सुरक्षित
सागर। मध्य प्रदेश में फिर एक ट्रेनी विमान क्रैश हो गया। दो दिन पहले सिवनी में हादसा हुआ था, अब सागर की ढाना हवाई पट्टी पर विमान क्रैश हुआ है। हादसे में पायलट बाल-बाल बच गया और पूरी तरह सुरक्षित बताया जा रहा है।
सागर के ढाना में स्थित हाईवे पट्टी पर चाइम्स एविएशन एकेडमी का ट्रेनर एयरक्राफ्ट लैंडिंग के दौरान रनवे से उतरकर क्रैश हो गया हालांकि इस हादसे में ट्रेनी पायलट सकुशल है। यह हादसा तब हुआ जब एयर एंबुलेंस घायल जवान को ले जा रही थी। एयर एंबुलेंस सही सलामत है। इस हादसे से उसका कोई लेना-देना नहीं है। हालांकि यह हादसा तभी हुआ जब घायल जवान को ले जाने वाली एयर एंबुलेंस भी हवाई पट्टी पर थी।
सागर की ढाना हवाई पट्टी पर चाइम्स एविएशन पायलट प्रशिक्षण अकादमी संचालित करती है। इस अकादमी का एक ट्रेनर एयरक्राफ्ट क्रैश हो गया है। इस एयरक्राफ्ट को प्रशिक्षु पायलट उड़ा रहा था और लैंडिंग के वक्त अनियंत्रित होने के बाद एयरक्राफ्ट की नोज जमीन से आ टकराई। यह हादसा रनवे पर हुआ। इसे देखकर हवाई पट्टी पर मौजूद कर्मचारी तुरंत दौड़े। पायलट को बाहर निकाला और उसे एम्बुलेंस से अस्पताल भेजा गया, जहां पायलट की हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है।
लैंडिंग के वक्त गिरा विमान
यह हादसा बुधवार दोपहर करीब तीन बजे हुआ। चाइम्स एविएशन एकेडमी के इस एयरक्राफ्ट को ट्रेनी पायलट उड़ा रहे थे। चाइम्स एविएशन एकेडमी के कर्मचारियों के मुताबिक, लैंडिंग के वक्त पायलट का एयरक्राफ्ट से नियंत्रण छूट गया। वह एक तरफ झुककर रनवे से नीचे आकर क्रैश हो गया। हादसे के बाद प्रशासनिक अधिकारी हवाई पट्टी पर मौजूद थे।
एयरलिफ्ट की वजह से मौजूद थी मदद
हादसे के वक्त ढाना हवाई पट्टी से सड़क दुर्घटना में घायल एक जवान को एयरलिफ्ट किया जा रहा था। इसकी वजह से जिला प्रशासन के अधिकतर अधिकारी मौके पर मौजूद थे। एम्बुलेंस भी वहीं खड़ी थी। इससे ट्रेनी पायलट को तुरंत जिला अस्पताल भिजवाया गया। एविएशन एकेडमी के अधिकारियों ने हादसे के कारणों की जांच शुरू कर दी है।
पहले भी होते रहे हैं हादसे
सागर जिले के ढाना में विमान चालकों को प्रशिक्षण देने वाली चाइम्स एविएशन अकादमी की लापरवाही से पहले भी ट्रेनर विमानों की दुर्घटनाएं होती रही हैं। 3 जनवरी 2020 को हुई एक दुर्घटना में ट्रेनर तथा प्रशिक्षु पायलट की मौत हो गई थी। ऐसी दुर्घटनाओं के बारे में अकादमी के अधिकारी किसी भी प्रकार की जानकारी देने से बचते नजर आते हैं।


