सागर। अभियुक्त चंद्रशेखर ढिमोले के विरूद्ध भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 (एतस्मिन पश्चात अधि. 1988) की धारा 13 (1) (बी) सपठित धारा 13 (2) के अंतर्गत दण्डनीय अपराध के आरोप हैं कि उसने प्राथमिक आदिम जाति सहकारी समिति रसेना तहसील देवरी जिला सागर में सहायक समिति प्रबंधक के पद पर अर्थात् लोकसेवक रहते हुये वर्ष 1996 से दिनांक 28.08.2019 तक की चैक पीरियड अवधि में आय के वैध स्रोतों से अर्जित कुल आय 68,64,066/-रु. (अड़सठ लाख चौंसठ हजार छियासठ हजार रुपये) थी, जबकि उक्त अवधि में व्यय 1,27,18,195/-रु. (एक करोड़ सत्ताईस लाख अठारह हजार एक सौ पंचानवे हजार रुपये) था, इस प्रकार कुल 58,54,129/- रु.
चद्रशेखर ढिमोले व अन्य चौंवन हजार एक सौ उनतीस रुपये) अनुपातहीन सम्पत्ति आय के ज्ञात स्रोतों से 85 प्रतिशत अधिक है, ऐसा कर आपराधिक अवचार कारित किया एवं अभियुक्त श्रीमती मंजूलता ढिमोले के विरूद्ध भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 12 व भारतीय दण्ड संहिता की धारा 120बी के अंतर्गत दण्डनीय अपराध के आरोप हैं कि उक्त चैक अवधि में आंगनबाड़ी केंद्र रसेना तहसील देवरी जिला सागर में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के पद पर अर्थात् लोकसेवक रहते हुये सहअभियुक्त चंद्रशेखर ढिमोले के साथ मिलकर उक्त अनुपातहीन संपत्ति अर्जित करने हेतु सहायता देकर या अन्यथा दुष्प्रेरित किया एवं सहअभियुक्त चंद्रशेखर ढिमोले के साथ मिलकर षड्यंत्र किया, जिसके अग्रसरण में सहअभियुक्त चंद्रशेखर ढिमोले ने आय के वैध स्रोतों से अर्जित कुल आय से 85 प्रतिशत अधिक अनुपातहीन संपत्ति अर्जित की।
– प्रकरण में यह स्वीकृत तथ्य है कि, अभियुक्त चंद्रशेखर ढिमोले प्राथमिक आदिम जाति सहकारी समिति रसेना तहसील देवरी जिला सागर में सहायक समिति प्रबंधक के पद पर अर्थात लोकसेवक एवं अभियुक्त श्रीमती मंजूलता ने उक्त चैक अवधि में आंगनबाड़ी केंद्र रसेना तहसील देवरी जिला सागर में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के पद पर अर्थात् लोकसेवक के पद पर पदस्थ होकर कार्यरत् थे।



