Saturday, December 20, 2025

प्रदेश के सरकारी दफ्तरों में पांच दिन का कार्य सप्ताह जारी, बदलाव की अटकलों पर विराम

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प्रदेश के सरकारी दफ्तरों में पांच दिन का कार्य सप्ताह जारी, बदलाव की अटकलों पर विराम

भोपाल। मध्य प्रदेश के सात लाख से अधिक शासकीय कर्मचारियों के लिए सप्ताह में केवल पांच कार्य दिवस की व्यवस्था फिलहाल बरकरार रहेगी। कोरोना महामारी के दौरान लागू की गई इस प्रणाली को लेकर लंबे समय से बदलाव की चर्चाएं चल रही थीं, लेकिन सरकार ने अभी इसमें कोई परिवर्तन नहीं करने का फैसला किया है। प्रदेश में वर्तमान में शनिवार और रविवार को सरकारी अवकाश रहता है।
वर्ष 2020 से पहले प्रदेश के सरकारी कार्यालयों में दूसरे और तीसरे शनिवार को कामकाज होता था, जबकि पहले और चौथे शनिवार को छुट्टी रहती थी। कोरोना संक्रमण की रोकथाम के उद्देश्य से सप्ताह में पांच दिन काम और दो दिन अवकाश की व्यवस्था लागू की गई थी, जो अब तक जारी है। उल्लेखनीय है कि केंद्रीय कार्यालयों में पहले से ही पांच दिवसीय कार्य प्रणाली लागू है।
छुट्टियों की व्यवस्था पर पुनर्विचार के लिए सामान्य प्रशासन, वित्त, गृह और राजस्व विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों की एक समिति गठित की गई है। समिति का दायरा केवल साप्ताहिक अवकाश तक सीमित नहीं है, बल्कि कर्मचारियों को मिलने वाले स्वैच्छिक अवकाश सहित अन्य छुट्टियों की समीक्षा भी इसमें शामिल है।
इधर, वर्ष 2026 के लिए शासकीय अवकाशों की सूची तैयार कर ली गई है। इसमें किसी बड़े बदलाव का प्रस्ताव नहीं रखा गया है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा समय-समय पर घोषित किए गए विशेष अवसरों के ऐच्छिक अवकाशों को शामिल करते हुए सूची को अंतिम रूप दिया गया है। सूत्रों के अनुसार, इस सूची में सप्ताह में छह दिन कार्य व्यवस्था को दोबारा लागू करने का कोई प्रावधान नहीं है।
कर्मचारी संगठनों का भी मानना है कि मौजूदा व्यवस्था में बदलाव की आवश्यकता नहीं है। उनका कहना है कि पांच दिन के कार्य सप्ताह में कर्मचारी अब सहज हो चुके हैं और इससे कामकाज पर कोई नकारात्मक असर नहीं पड़ रहा है।
हाल ही में दशहरा से एक दिन पहले भोपाल में अवकाश घोषित करने का जिला प्रशासन का प्रस्ताव सामान्य प्रशासन विभाग के माध्यम से भेजा गया था, लेकिन मुख्य सचिव की मंजूरी नहीं मिल सकी। बताया गया कि अक्टूबर माह में पहले से ही अधिक छुट्टियां होने के कारण शासकीय कार्य प्रभावित होने की आशंका थी, इसलिए प्रस्ताव को वापस कर दिया गया।
इस बीच, राज्य में लागू मध्य प्रदेश सिविल सेवा (अवकाश) नियम, 1977 में भी संशोधन किया गया है। संशोधित नियम एक जनवरी 2026 से प्रभावी होंगे। नए प्रावधानों के अनुसार, संतान पालन अवकाश के पहले 365 दिन पूर्ण वेतन के साथ मिलेंगे, जबकि दूसरी बार अवकाश लेने पर 80 प्रतिशत वेतन देय होगा।
संशोधित नियमों में यह भी स्पष्ट किया गया है कि 18 वर्ष तक की आयु के बच्चे के लिए अवकाश स्वीकृत किया जा सकेगा। अब एक वर्ष में तीन से अधिक बार यह अवकाश नहीं दिया जाएगा। एकल महिला कर्मचारी को एक कैलेंडर वर्ष में छह बार अवकाश लेने की पात्रता होगी। इसके अलावा, प्रदेश के साढ़े चार लाख से अधिक शिक्षकों को वर्ष में दस दिन के अर्जित अवकाश का लाभ मिलेगा।

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