दिखावे से दूर इतिहास रचा — सीएम मोहन यादव ने बेटे की शादी कराई सामूहिक विवाह सम्मेलन में, आम दूल्हों-दुल्हनों के बीच लिए फेरे
शादी का मौसम पूरे शबाब पर है और सोशल मीडिया पर नए जोड़ों की तस्वीरें छाई हुई हैं, लेकिन इस बार जो शादी सबसे ज्यादा चर्चा में रही वह मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव के छोटे बेटे डॉ. अभिमन्यु यादव की रही। चर्चा का कारण शादी की भव्यता नहीं, बल्कि सादगी और सामाजिक संदेश बना।

मुख्यमंत्री ने अपने बेटे की शादी किसी आलीशान होटल, रिसॉर्ट या महंगे वेडिंग सेटअप में नहीं बल्कि उज्जैन में आयोजित सामूहिक विवाह सम्मेलन में कराई। जहां उनके बेटे ने डॉ. इशिता के साथ उसी मंडप में सात फेरे लिए, जिसमें रिक्शा चालक से लेकर आम मजदूर परिवारों के 21 अन्य जोड़े भी विवाह बंधन में बंधे।
इस अनोखी पहल के बाद से लोग सीएम मोहन यादव की जमकर तारीफ कर रहे हैं और इसे मिसाल बताकर सोशल मीडिया पर साझा कर रहे हैं।
21 जोड़ों के बीच मुख्यमंत्री का बेटा भी बना दूल्हा
सामूहिक विवाह स्थल पर एक तरफ सामान्य परिवारों के बेटे-बेटियां बैठे थे, वहीं बीच में बैठे अभिमन्यु और इशिता ने सबका ध्यान खींच लिया। दोनों ने पारंपरिक अंदाज में शादी की रस्में निभाईं।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के परिवार के अलावा कई मंत्री और नेता भी उपस्थित रहे। वहीं बाबा रामदेव और बाबा बागेश्वर धीरेंद्र शास्त्री भी बाराती बनकर पहुंचे और जोड़े को आशीर्वाद दिया।
दुल्हन इशिता की ब्राइडल लुक ने सबका दिल जीता
दुल्हन डॉ. इशिता लाल कलीदार लहंगे में बेमिसाल खूबसूरत नजर आईं।
लहंगे पर सुनहरी जरी, सिक्विन और बेल-बूटे का शानदार डिज़ाइन था, वहीं बॉर्डर पर बने मोर और जालीदार पैटर्न ने उसे और आकर्षक बना दिया।
इशिता ने ब्राइडल लुक को दो दुपट्टों के साथ स्टाइल किया—
एक दुपट्टा सिर पर वेल की तरह
दूसरा कंधे पर पल्लू की तरह पिनअप
कुंदन ज्वेलरी, ग्रीन पर्ल्स वाला चोकर, लंबा हार, नथ, माथापट्टी, कंगन, कलीरे और ग्लॉसी मेकअप ने उनके लुक को राजा-महारानी की शादी जैसी भव्यता दे दी।
दूल्हा भी कमाल का दिखा
डॉ. अभिमन्यु यादव ने क्रीम-गोल्डन शेरवानी पहनी, जिस पर बारीक कढ़ाई की गई थी।
मैचिंग पग, गोल्डन जूती और बॉर्डर वाला स्टॉल पहनकर वे पूर्णत: पारंपरिक दूल्हे के अंदाज में नज़र आए।
समाज को बड़ा संदेश
सीएम यादव की इस पहल को लोग सिर्फ शादी नहीं, बल्कि मितव्ययिता और सामाजिक जुड़ाव का उदाहरण मान रहे हैं।
जहां आज शादियों में करोड़ों खर्च किए जाते हैं, वहीँ मुख्यमंत्री का सामूहिक विवाह सम्मेलन चुनना समाज को सादगी और समानता का संदेश देता है।
सीएम के बेटे की शादी ने आलीशान खर्च नहीं, बल्कि सरलता और संस्कारों की वजह से सुर्खियां बटोरीं।
सामूहिक विवाह में शामिल होकर सीएम परिवार ने सामाजिक संदेश दिया कि शादी दिखावे से नहीं, संस्कारों से बड़ी होती है।


