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जनजातीय गौरव दिवस केवल एक उत्सव नहीं, बल्कि एक संदेश है, समावेशी विकास ही सशक्त भारत का मार्ग है- डाॅ प्रतिभा तिवारी

जनजातीय गौरव दिवस केवल एक उत्सव नहीं बल्कि एक संदेश है, समावेशी विकास ही सशक्त भारत का मार्ग है- डाॅ प्रतिभा तिवारी ...

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जनजातीय गौरव दिवस केवल एक उत्सव नहीं बल्कि एक संदेश है, समावेशी विकास ही सशक्त भारत का मार्ग है- डाॅ प्रतिभा तिवारी

सागर।  स्वामी विवेकानंद विश्वविद्यालय सागर में जनजातीय दिवस विरसा मुण्डा की जन्मशताब्दी को दृष्टिगत करते हुए, कौषल विकास योजना के अन्तर्गत कार्यषाला का आयोजन किया गया। जिसका का शुभारम्भ दीप प्रज्जवलन के साथ किया गया।

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सर्वप्रथम इस अवसर पर अध्यक्षीय उद्बोधन भारतीय स्त्रीशक्ति सागर (म0प्र0) की अध्यक्ष-डाॅ0 प्रतिभा तिवारी द्वारा दिया गया, उन्होंने कहा कि-जनजातीय गौरव दिवस’’ न केवल इतिहास का सम्मान है, बल्कि हमारी सांस्कृतिक विरासत और राष्ट्र की विविधता के प्रति गर्व का प्रतीक भी है। भारत की पहचान उसकी बहुलता, विविध सांस्कृतिक और सामूहिक विरासत में निहित है।

इस विविधता का महत्वपूर्ण स्तंभ है-’’जनजातीय समाज’’। उनकी परंपराएँ, कला, लोक-संगीत, प्रकृति के प्रति संवेदनशीलता और सामुदायिक जीवन की भावना भारतीय संस्कृति को एक विशिष्ट रूप प्रदान करती है। यह दिवस विशेष रूप से हमें ’’धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा’’ के महान बलिदान और नेतृत्व की याद दिलाता है।

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उन्होंने मात्र 25 वर्ष की आयु में अंग्रेजी शासन के विरुद्ध “उलगुलान“ अर्थात् महान आंदोलन का नेतृत्व किया। उनका संघर्ष हमें यह सिखाता है कि किसी भी अन्याय के विरुद्ध खड़े होने के लिए उम्र नहीं, बल्कि साहस और संकल्प की आवश्यकता होती है। ’’जनजातीय गौरव दिवस केवल एक उत्सव नहीं, बल्कि एक संदेश है। समावेशी विकास ही सशक्त भारत का मार्ग है।’’ हम सब मिलकर ऐसी सोच और प्रयास विकसित करें, जिससे जनजातीय समुदायों का गौरव न केवल सुरक्षित रहे, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बने। जब हम जनजातीय गौरव दिवस मनाते हैं, तो यह सिर्फ इतिहास का स्मरण नहीं, बल्कि एक जिम्मेदारी का एहसास भी है। आज भी कई जनजातीय समुदाय शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और संसाधनों की कमी से जूझ रहे हैं।

विकास और आधुनिकता के साथ-साथ उनकी संस्कृति और परंपराओं का संरक्षण करना हमारा सामाजिक दायित्व है। इसके उपरान्त आपदा प्रबंधन में संस्था के श्री ए0के सिंह द्वारा अग्नि सुरक्षा से छात्र-छात्राओं को अवगत कराया गया। इसके साथ ही संस्था की विभागाध्यक्ष-फैशन एवं इन्टीरियर डेकोरेषन-श्रीमती शैलबाला बैरागी द्वारा छात्र-छात्राओं को टाइ एण्ड डाई, साबुन बनाने और बाटिक प्रिन्ट करने का प्रषिक्षण स्वरोजगार और स्वेदषी की भावना को जागृत करने के लिए दिया गया। इस अवसर पर आभार ज्ञापन श्री नरेष केशरवानी द्वारा दिया गया। इस अवसर पर श्रीमती ज्योति गौतम, श्रीमती मंजीता दुबे, श्रीमती दीपिका जैन, अल्पेश शर्मा एवं छात्र-छात्राओं गरिमामयी उपस्थिति ने कार्यक्रम को सफल बनाया। कल्याण मंत्र के साथ कार्यक्रम सम्पन्न हुआ।