भोपाल। नक्सली टॉप कमांडर माने जाने वाला हिड़मा के एनकाउंटर में मारे जाने की ख़बर, इसी दौरान एनकाउंटर को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं। नक्सल संगठन ने एक लेटर जारी किया है। इसमें दावा किया गया है कि हिड़मा बीमार था और इलाज कराने के लिए जा रहा था। इस दौरान पकड़कर उसकी हत्या की गई है। यह लेटर नक्सली प्रवक्ता अभय के नाम से जारी किया गया बताया जा रहा हैं जो वायरल हुआ हैं।
नक्सली संगठन का दावा है कि हिड़मा के एनकाउंटर को लेकर पुलिस ने झूठी और मनगढ़त कहानी बनाई है।लेटर में लिखा गया है कि मुठभेड़ की कहानी झूठी है। लेटर में यह भी कहा गया है कि पुलिस ने दावा किया कि 19 नवंबर को 7 लोगों के एनकाउंटर किया गया है यह भी झूठ है। कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (माओवादी) की केन्द्रीय कमेटी के द्वारा यह लेटर जारी किया गया है।
बता दें कि छत्तीसगढ-आंध्रप्रदेश की सीमा पर 18 नवंबर को मुठभेड़ हुई थी। हिड़मा का सीक्रेट इनपुट मिलने के बाद जवानों ने ऑपरेशन शुरू किया था। जिसके बाद दोनों तरफ से जमकर फायरिंग हुई थी। सर्चिंग के दौरान पुलिस को 6 लाशें मिली थीं। पुलिस ने 4 घंटे बाद खुलासा किया था कि एनकाउंटर में हिड़मा और उसकी पत्नी भी मारी गई है। हिड़मा 1 करोड़ रुपये से ज्यादा का इनामी नक्सली था।
उधर नक्सली अभय के नाम से जारी लेटर में लिखा है कि हिड़मा को खलनायक के रूप में पेश किया जा रहा है यह भी गलत है। इस मुठभेड़ के विरोध में नक्सली संगठन ने बंद की अपील की है। लेटर में लिखा है कि 23 नवंबर को देशव्यापी प्रतिरोध दिवस दिवस मनाया जाएगा

