सफल नेत्र प्रत्यारोपण से अब दो और लोग देख पाएंगे दुनिया , मिली रोशनी
बुंदेलखंड चिकित्सा महाविद्यालय के आई बैंक नेत्र रोग विभाग में हुआ सफल नेत्र प्रत्यारोपण
सागर। नेत्र दान श्रेष्ठ दान है जो मरणोपरांत कोर्निया का दान होता है एवं जो विभिन्न हादसों एवं चोट के कारण ,पुतली की बीमारी के कारण जो लोग आंखों की नजर गंवा देते हैं, उन लोगों के लिए नेत्र प्रत्यारोपण द्वारा उनके जीवन में उजाला लाया जा सकता है। ऐसा ही एक उदाहरण सामने आया बीएमसी में जहां है पहला लाभार्थी जो सागर के ग्रामीण इलाके में किसान परिवार से आता है। लाभार्थी की उम्र 46 वर्ष है, जिनकी किसी बीमारी के कारण एक आंख से छोटी उम्र से दिखाई नहीं देता था , एवं उसकी दूसरी आंख में कोर्नियल अल्सर के कारण 15 वर्ष से दिखाई देना बंद हो गया । बीएमसी के मीडिया प्रभारी डॉ सौरभ जैन ने जानकारी दी कि लाभार्थी ने आई बैंक नेत्र रोग विभाग में नेत्र प्रत्यारोपण हेतु रजिस्ट्रेशन कराया था। उसकी जिस आंख की पुतली खराब थी , चिकित्सकों द्वारा नेत्र प्रत्यारोपण द्वारा पुतली बदली गई,जिसके कारण उसके जीवन में अंधेरे से उजाला लौट आया।
लाभार्थी अब खुश है और आनंद महसूस कर रहा है। इसी प्रकार एक दूसरा लाभार्थी है, जो महिला है, सागर से ही है, जिन्हें एक आंख से बचपन से दिखाई नहीं देता था,एवं दूसरी आंख से दुर्घटना के कारण पुतली में चोट के कारण, सफेदी होने के कारण दिखाई देना बंद हो गया। लाभार्थी ने बुंदेलखंड चिकित्सा महाविद्यालय सागर नेत्र रोग विभाग में संपर्क कर, ईलाज लिया एवं नेत्र प्रत्यारोपण हेतु रजिस्ट्रेशन कराया, डॉ की टीम ने सफल नेत्र प्रत्यारोपण द्वारा महिला की जिंदगी में रोशनी लौटा दी , जिससे वह खुशी एवं आनंद महसूस कर रही है। चिकित्सकों ने बताया कि कुछ दिन पहले सागर के समाजसेवी द्वारा जीते जी, उनके परिजनों से नेत्र दान की इच्छा जताई , जिनके मरणोपरांत कोर्निया का दान परिजनों की सहमति से नेत्र रोग विभाग आई बैंक को मिला था।
डॉ सौरभ जैन ने बताया कि बुंदेलखंड चिकित्सा महाविद्यालय सागर में नेत्र प्रत्यारोपण की सुविधा निशुल्क उपलब्ध है एवं नेत्र दान स्वैच्छिक, मरणोपरांत कोर्निया का दान है ,एक व्यक्ति के मरणोपरांत कोर्निया दान से दो लोगों जिनके कोर्निया खराबी के कारण नज़र चली जाती है उनको दान में मिले कोर्निया का प्रत्यारोपण द्वारा रोशनी लौटाई जाती है। अतः नेत्र दान हेतु लोगों को आगे आना चाहिए। यह एक पुनीत कार्य हैं जिसमें किसी की मृत्यु होने पर,चार से छह घंटे के भीतर नेत्र दान कराया जा सकता है।
बीएमसी डीन डॉ . पीएस ठाकुर ने इस सफल ऑपरेशन के लिए डॉक्टर्स की टीम को बधाई देते हुए आगे भी इसी तरह जनहित में कार्य करने की शुभकामनाएं दी हैं। बुंदेलखंड चिकित्सा महाविद्यालय आई बैंक नेत्र प्रत्यारोपण टीम में डॉ प्रवीण खरे ,आई बैंक इंचार्ज डॉ सारिका चौहान एवं डॉ पूजा, डॉ नीलम , डॉ ईशा , डॉ इतिशा एवं नर्सिंग स्टाफ एवं अन्य स्टाफ उपस्थित रहे।
