शांतिनाथ धाम सिरोंजा में पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव 16 नवंबर से, तैयारियां जोरो पर

शांतिनाथ धाम सिरोंजा में पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव 16 नवंबर से, तैयारियां जोरो पर

सागर। सिरोंजा स्थित शांतिनाथ धाम में नवनिर्मित शांतिनाथ जिनालय के पंचकल्याणक जिनबिंब प्रतिष्ठा महोत्सव एवं विश्व शांति महायज्ञ का आयोजन 16 नवंबर से 21 तक किया जा रहा है. पट्टाचार्य चर्या शिरोमणि विशुद्ध सागर जी महाराज के ससंघ सानिध्य में आयोजित महोत्सव के प्रतिष्ठा निर्देशक बाल ब्रहाचारी जय कुमार निशांत टीकमगढ़ और प्रतिष्ठाचार्य पंडित सनत कुमार, विनोद कुमार रजवांस है. महोत्सव के कार्यकारी अध्यक्ष श्रेयांश जैन ने बताया कि महोत्सव के मुख्य जजमान एवं संयोजक सन्तोष कुमार जैन “घड़ी”, श्रीमती गुणमाला जैन घड़ी परिवार है.

महोत्सव में सौधर्म इंद्र बनने का सौभाग्य डॉ सतेंद्र जैन, श्रीमती रिचा जैन हैं. भगवान के माता पिता का सौभाग्य सुरेंद्र कुमार श्रीमती शीला जैन को प्राप्त हुआ। कार्यक्रम अध्यक्ष मनीष सपना गोधा इंदौर हैं. महोत्सव को लेकर विभिन्न समितियों का गठन कर दिया गया है. तैयारियां भी अंतिम चरण में है. सिरोंजा स्थित बीटीआईआरटी परिसर के लगभग 12 एकड़ में छह विशाल पंडाल लगाए जा रहे हैं. जिसमें से चार पंडाल में भोजन व्यवस्था रहेगी, एक मुख्य पंडाल एल्युमिनियम सेक्सन से तैयार किया जा रहा है. परिसर के ढाई एकड़ में नवनिर्मित जिनालय के समीप संत सदन का निर्माण भी किया गया है. महोत्सव में लगभग 50 पिच्छी का सानिध्य मिलेगा. वहीं साधु संतों की आहार चर्या भी परिसर में बनाए गए चौके में संपन्न कराई जायेगी.

बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं और अतिथियों के आवास की व्यवस्था शहर की आधा दर्जन धर्मशालाओं और समीपस्थ होटलों में की जायेगी. महोत्सव में शामिल होने के ऑनलाइन पंजीयन की सुविधा उपलब्ध कराई गई है।

महोत्सव का शुभारंभ घट यात्रा और ध्वजारोहण के साथ 16 नवंबर की सुबह होगा। कटरा नमक मंडी स्थित गौराबाई दिगंबर जैन मंदिर से घट यात्रा शुरू होकर कार्यक्रम स्थल पहुंचेगी। जहा पर ध्वजारोहण किया जावेगा। आचार्य श्री के मंगल प्रवचन के बाद दोपहर में याज्ञ मंडल विधान होगा। रात्रि में सौधर्म इन्द्र का दरबार और माता के सोलह स्वपन दिखाए जायेगे। 17 नवंबर को माता की दोपहर में गोद भराई होगी। 18 नवंबर को जन्म कल्याणक पर पाडुंकशिला पर जन्माभिषेक होगा। 19 नवंबर को तप कल्याणक पर राज दरबार, दिग्विजय यात्रा निकलेगी। वैराग्योत्पति के साथ दीक्षा गमन, 20 नवंबर को ज्ञान कल्याणक, 21 नवंबर को मोक्ष कल्याणक मनाया जावेगा। जिनबिंब प्रतिष्ठा और शिखर कलशारोहण होगा।

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