कार्तिक पूर्णिमा पर ओंकारेश्वर में उमड़ा श्रद्धा का सागर, नर्मदा तटों पर दीपों की ज्योति से निखरी आस्था

ओंकारेश्वर (मध्य प्रदेश)। पवित्र नगरी ओंकारेश्वर में बुधवार, 5 नवंबर 2025 को कार्तिक पूर्णिमा पर भक्ति और आध्यात्मिक उत्साह का अनोखा दृश्य देखने को मिला। तड़के से ही देश के विभिन्न राज्यों से आए हजारों श्रद्धालुओं ने नर्मदा नदी में पवित्र स्नान, शिवलिंग के दर्शन और विशेष पूजा-अर्चना करते हुए धर्म-साधना की। घाटों पर ब्रह्ममुहूर्त से ही भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी और पूरा क्षेत्र दिव्यता से भर उठा।

पंचकोशी नर्मदा यात्रा का समापन — भजन संध्या से गूंजा तीर्थ

कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर पांच दिवसीय पंचकोशी नर्मदा परिक्रमा का भी विधिवत समापन हुआ। इस पवित्र यात्रा में मालवा–निमाड़, झाबुआ, धार, बड़वानी और खंडवा सहित देशभर से आए तीर्थयात्रियों ने भाग लिया।

पूरे मार्ग में भजन-कीर्तन, आरती और सेवा-भंडारों का आयोजन हुआ। रास्ते भर ‘हर-हर नर्मदे’ और ‘ओंकारेश्वर महादेव की जय’ की गूंज ने वातावरण को आध्यात्मिक बना दिया।

दीपों से आलोकित घाट — पुण्यस्नान, व्रत और दान से जगमगाई आस्था

नर्मदा तटों पर शाम होते ही हजारों दीपों की रोशनी फैल गई। श्रद्धालुओं ने दीपदान कर सुख-समृद्धि और शांति की कामना की। कई परिवारों ने सामूहिक पूजन किया और पुण्य स्नान के बाद व्रत, दान और धार्मिक संकल्प पूरे किए।

स्थानीय पुरोहित पं. रघुनाथ शास्त्री ने बताया कि कार्तिक पूर्णिमा पर ओंकारेश्वर में स्नान और पूजन को अत्यंत शुभ माना जाता है।

इस दिन के स्नान और शिव-विष्णु आराधना से पाप नष्ट होते हैं और मोक्ष का मार्ग प्रशस्त होता है,”
उन्होंने कहा।

लोक संस्कृति का भव्य प्रदर्शन, भक्ति में रंगा ओंकारेश्वर

कार्तिक मेले ने क्षेत्रीय लोक कला और संस्कृति को जीवंत कर दिया। आदिवासी नृत्य दलों के प्रदर्शन, लोकगीतों की प्रस्तुति और भजन संध्याओं ने श्रद्धालुओं को भावविभोर कर दिया। मंदिर परिसर और घाटों पर फूलों की सजावट और दीपमालाएं आकर्षण का केंद्र रहीं।

यात्रा में शामिल भक्तों ने कहा कि यह परिक्रमा सिर्फ धार्मिक यात्रा नहीं बल्कि समाजसेवा, सहयोग और मानवता के संदेश को भी सुदृढ़ करती है।

सुरक्षा-व्यवस्था मजबूत, प्रशासन सतर्क

अधिक भीड़ को देखते हुए जिला प्रशासन और पुलिस ने घाटों तथा मंदिर परिसर में विशेष व्यवस्थाएँ कीं। अतिरिक्त जवानों की तैनाती, निगरानी टीम, स्वास्थ्य शिविर, पेयजल स्टॉल और लाइटिंग की व्यवस्था लगातार निरीक्षण में रही।

प्रशासन ने श्रद्धालुओं से सुरक्षा और अनुशासन का पालन करने और ज्यादा भीड़ वाले स्थलों पर सतर्क रहने की अपील की।

आने वाले दिनों में भी धार्मिक आयोजन

कार्तिक पूर्णिमा के सफल आयोजन के साथ ही अब मंदिर प्रबंधन ने आगामी धार्मिक कार्यक्रमों की तैयारियाँ शुरू कर दी हैं। मंदिर समिति के अनुसार, आने वाले दिनों में गंगा दशहरा, नर्मदा जयंती और अन्य पर्वों पर भी विशेष अनुष्ठान और भक्तिमय आयोजन होंगे।

ओंकारेश्वर में कार्तिक पूर्णिमा ने एक बार फिर यह साबित किया कि यह धाम न केवल आध्यात्मिक साधना का केंद्र है, बल्कि भारतीय संस्कृति और परंपरा का जीवंत प्रतीक भी है।

Scroll to Top