पं. इंद्रेश जी और विशाल जनसमूह की उपस्थिति में हुई सागर में गंगा आरती

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पं. इंद्रेश जी और विशाल जनसमूह की उपस्थिति में हुई सागर में गंगा आरती
सागर। लाखा बंजारा झील को स्वच्छ-सुंदर बनाए रखने और नागरिकों को स्वच्छता के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से नगर निगम सागर द्वारा आयोजित गंगा आरती का भव्य आयोजन सोमवार को नवग्रह मंडपम घाट पर भव्य आतिशबाजी के साथ आयोजित हुआ। गंगा आरती में शामिल होने आये कथावाचक श्री इन्द्रेश जी की चकराघाट पर अगुवानी लोक कलाकारों रमतूला ढपला, बरेदी आदि सहित की गई। नौरता व रास नृत्य ने सभी को मोहित किया।
गंगा आरती में वृंदावन के प्रसिद्ध कथावाचक इंद्रेश उपाध्याय ने विधायक श्री शैलेंद्र जैन एवं नगर निगम आयुक्त श्री राजकुमार खत्री के साथ पूजा अर्चना की।
आरती के दौरान झील किनारे बने घाटों पर श्रद्धालुओं का  जनसमूह उमड़ पड़ा तथा आरती के दौरान आकर्षक आतिशबाजी की गई।
इस अवसर पर उपस्थित श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कथावाचक श्री इंद्रेश उपाध्याय ने कहा कि “सागर में आयोजित गंगा आरती का दिव्य स्वरूप काशी और हरिद्वार की गंगा आरती की अनुभूति कराता है। यह सिर्फ धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि शहर की सांस्कृतिक पहचान को मजबूत करने वाली पहल है।”
विधायक शैलेंद्र जैन ने कहा कि लगभग एक वर्ष पूर्व शुरू हुई गंगा आरती अब प्रत्येक सोमवार को नियमित रूप से आयोजित की जा रही है। उन्होंने कहा कि “सागर में यह आयोजन न केवल झील के संरक्षण को बढ़ावा देता है, बल्कि शहर को एक नई पहचान भी प्रदान कर रहा है।”
उल्लेखनीय है कि स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत लाखा बंजारा झील के सौन्दर्यीकरण और पुनर्विकास के बाद चकराघाट से गणेशघाट तक लगभग 400 मीटर में फैला घाट क्षेत्र नागरिकों के आकर्षण का प्रमुख केंद्र बन गया है। नगर निगम आयुक्त एवं स्मार्ट सिटी सह-कार्यकारी निदेशक श्री राजकुमार खत्री के मार्गदर्शन में आयोजित गंगा आरती ने शहरवासियों को झील से जोड़ने और स्वच्छता के प्रति जागरूक करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
हर सप्ताह बड़ी संख्या में महिलाएं, बच्चे, युवा और बुजुर्ग इस आरती में शामिल होते हैं। त्योहारों और विशेष अवसरों पर यहां का दृश्य किसी बड़े मेले जैसा भव्य रूप ले लेता है। गंगा आरती अब सागर शहर की सांस्कृतिक पहचान का अभिन्न हिस्सा बन चुकी है।

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