मां के निधन के बाद बेटे एवं पोतों ने नेत्र दान कराकर, मां की अंतिम इच्छा पूरी की

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मां के निधन के बाद बेटे एवं पोतों ने नेत्र दान कराकर, मां की अंतिम इच्छा पूरी की

सागर। सुभाष नगर वार्ड सागर निवासी ताराबाई फोबवानी, जिनकी उम्र 75 वर्ष थी,जिनका निधन लगभग साढ़े ग्यारह बजे 22/11/25 शनिवार को घर पर हों गया, क्यों कि ताराबाई फोबवानी की जीते जी नेत्र दान हेतु इच्छा जताई, अतः निधन के तुरंत बाद उनके बेटे सुनील फोबवानी ने अपने मित्र कमल आहूजा द्वारा बुंदेलखंड चिकित्सा महाविद्यालय सागर नेत्र रोग विभाग असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ अंजलि विरानी को सूचना दी। आई बैंक इंचार्ज डॉ सारिका चौहान के मार्गदर्शन में तुरंत आई बैंक टीम को दिवंगत के घर भेज कर, एहतियात बरतते हुए सुरक्षित कोर्निया को निकाल कर आई बैंक में रखवाया, डॉ प्रवीण खरे एच ओ डी नेत्र रोग विभाग ने दिवंगत के परिजनों बेटे सुनील फोबवानी,पोते अंकित एवं गौरव तथा अन्य परिजनों को इस नेक और पुण्यकारी कार्य के लिए आभार जताया है , नेत्र दान स्वैच्छिक मरणोपरांत कोर्निया दान है, जिसमें एक व्यक्ति के मरणोपरांत कोर्निया दान से दो लोगों के जीवन में अंधेरे से उजाला लौटता है, नेत्र दान डेथ के चार से छह घंटे के भीतर होता है,जो बुंदेलखंड चिकित्सा महाविद्यालय सागर में नेत्र दान की सुविधा निशुल्क उपलब्ध है तथा चोट या अन्य दुर्घटना में जिनकी पुतली खराब हो जाती है,उन लोगों को नेत्र प्रत्यारोपण द्वारा पुतली बदली जाती है,जो बीएमसी में सुविधा उपलब्ध है,आई बैंक टीम में डॉ पूजा, डॉ ईशा, डॉ मोदी, डॉ रक्षित, नर्सिंग ओफिसर राम-लखन और महेंद्र, वर्षा पैरामेडिकल स्टूडेंट्स मौजूद थे।