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स्व.जयन्ती खरे ” जया” के कहानी संग्रह “चील पहाड़ी की जिज्जी” का विमोचन, लेखनी विरासत सम्मान की घोषणा हुई

स्व. जयन्ती खरे ” जया” के कहानी संग्रह ‘चील पहाड़ी की जिज्जी” का विमोचन, लेखनी विरासत सम्मान की घोषणा हुई सागर। श्रीवास्तव ...

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Gajendra Thakur

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स्व. जयन्ती खरे ” जया” के कहानी संग्रह ‘चील पहाड़ी की जिज्जी” का विमोचन, लेखनी विरासत सम्मान की घोषणा हुई

सागर। श्रीवास्तव परिवार एवं श्यामलम संस्था के संयुक्त तत्वाधान में रविवार को सिविल लाइन स्थित कांची होटल में विमोचन कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम के मुख्य अथिति संतोष श्रीवास्तव सेवा सेवानिवृत्त डिप्टी कलेक्टर रहे एवं कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ करुणा ठाकुर द्वारा की गई। साथ ही कार्यक्रम की शुरुवात मुकेश तिवारी द्वारा सरस्वती वंदना से की गई।

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श्रीमती निरंजना जैन एवं डॉ सुजाता मिश्र ने लेखिका के कहानी संग्रह में से कुछ कहानियों की समीक्षा की गई। समारोह में लेखिका के पति जे.सी. श्रीवास्तव का कार्यक्रम में उपस्थित वरिष्ठ साहित्यकारों ने साल श्रीफल एवं अभिनंदन पत्र देकर सम्मानित किया।

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कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण का विषय स्व. जयन्ती खरे जया स्मृति लेखनी विरासत सम्मान की घोषणा रहा। जया जी के बड़े सुपुत्र अमिताभ श्रीवास्तव ने बताया कि इस घोषणा के पीछे प्रेरणा स्त्रोत मेरे पिताजी ही है, जिन्होंने पिछले कई वर्षों से माता जी की लेखनी को सम्हाल कर, संजोकर रखा और प्रकाशित कराया।

यह सम्मान ऐसे ही व्यक्तियों को दिया जाएगा जो कि अपने परिवार के दिवंगत साहित्यकारों की लेखनी और उनके साहित्य को प्रकाशित करके उसका प्रचार प्रसार करेंगे। आयोजन के दौरान प्रथम सम्मान उमाकांत मिश्र वरिष्ठ साहित्य सेवी को जेसी श्रीवास्तव द्वारा प्रदान किया गया। सम्मान स्वरूप एक स्मृति चिन्ह, साल श्रीफल एवं राशि रुपये 11000 प्रदान की गई। आगे से यह सम्मान श्यामलम संस्था एवं श्रीवास्तव परिवार द्वारा योग्य व्यक्तियों को दिया जाएगा। प्रतिवर्ष 27 अगस्त को जयंती खरे जया स्मृति दिवस को सम्मान की घोषणा की जाएगी। कार्यक्रम में सागर शहर के वरिष्ठ साहित्यकार, श्रीवास्तव परिवार के परिचित आदि लोग मौजूद थे। कार्यक्रम का संचालन डॉ आशीष ज्योतिषी द्वारा किया गया। कार्यक्रम का समापन डॉ रुपाली श्रीवास्तव पारुल खरे एवं एडवोकेट अभिनव श्रीवास्तव द्वारा आभार व्यक्त करने के साथ किया गया।

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